प्रियंका आनंद
सरदार भगत सिंह के जयंति के अवसर पर छत्रसाल स्टेडियम में दिल्ली सरकार द्रावा देशभक्ति पाठ्यक्रम करिक्यूलम आयोजित किया गया। जिसमें देश के सभी छात्रों को कट्टर देशभक्त बनाने की बात कहीं गयी। इस कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री का अलावा डिप्टी सीएम, स्कूलों के अध्यापक, प्रधानाचार्य, छात्र, यूफोरिया बैंड और भी कई वरिष्ठ अतिथी गण मौज़ुद रहें। मुख्यमंत्री की यदि माने तो आने वाले समय के लिए छात्रों में सच्ची देश भक्ति की भावना जगाना ज़रूरी है। कार्यक्रम के दौरान यूफोरिस बैंड के पलाश सैन ने अपने गीतों से समां बांधा जो कि सभी लोगों ने बहुत पसंद किया। कार्यक्रम के दौरान सभी काफी खुश नज़र आए।
मुख्यमंत्री ने दुश्यंत कुमार की कविता हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए….से शुरूआत की। केजरीवाल ने बताया कि हम जब भी देश भक्ति की फिल्म देखते हैं तो हमारे रौंगटे खड़े हो जाते हैं जिससे मन में देश भक्ति की भावना पैदा होती है लेकिन वह भावना ज़्यादा देऱ तक नहीं रहती लेकिन अब एक एसा पाठ्ठयक्रम लागू किया जाएगा जिसमें छात्रों में शुरू से ही कभी खत्म ना होने वाली देशभक्ति की भावना पैदा की जाएगी।
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उन्होंने बताया कि पूरे साल छात्र को 100 देशभक्ति के पाठ पढ़ाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि सीमाओं पर दुश्मन से लड़ना ही देश भक्ति नहीं होती। देश भक्ति वह भी होती है कि यदी कोई अपनी जिम्मेदारी को ठिक ढंग से निभाए फिर चाहे वो डॉक्टर हो, एंजीनियर हो, टीचर हो या फिर कोई और। एक सच्चा देश भक्त वह है जो अपनी व्यवसाह को पूरी इमानदारी से निभाए।
स्कूल के छात्रों से जब बात की तो पता चला कि देश भक्त केवल अपनी जान की बाज़ी लगा कर अपनी जान को कुरबान करना ही नहीं ब्लकि हम अच्छी पढ़ाई करके, अपने व्यवसाय को पूरी इमानदारी से करने को भी देश भक्ति कहे सकते है। साथ ही उन्होंने बताया कि आज की यूवी पीढ़ी विदेशों की तरफ ज़्यादा आकर्षित होती जा रही है। इस पाठ्यक्रम से ना केवल छात्रों में देश भक्ति की भावना पैदा होगी ब्लकि विदेश जाने की जो होड़ है वह भी कम होगी जो हमारे देश के लिए एक सुखद बात है। आगे उन्होने बताया कि यह एक एसा मुद्दा है जिस पर अब शायद कोई बात भी नहीं करना चाहता और यदी कोई बात करता है तो उसे यह समझा जाता है कि ये एक पिछड़े हुए लोग है जो कि बहुत दुख की बात है। एक सफाई क्रमचारी भी देश भक्ति में अपना योग दान दे सकता है अगर वह अपना काम पूरी मेहनत और ईमानदारी से करें।
एक अध्यापक ने हमे बताया कि यह बहुत पहले ही लागू होता चाहिए था लेकिन किसी कारणवश यह नहीं हो पाया। अब हमें इस बात की खुशी है कि आखिर यह पाठ्यक्रम लागू किया गया है। इससे ना केवल छात्रों में कट्टर देश भक्ति की भावना पैदा होगी ब्लकि आज की जेनरेश्न में अपने देश के प्रति प्रेम भावना कम होती जा रही है वह और बढ़गी।
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