ब्यूरो रिपोर्ट
हर माँ-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा स्कूल जाए, पढ़े-लिखे अपनी जिंदगी में एक नेक नागरिक बने। लेकिन कई मज़बूरियों और पैसे की कमी के चलते वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते। ऐसे में इन बच्चों के लिए एक उम्मीद की किरण बन कर आई ‘BEING SOCIAL- एक नई शुरुआत’ संस्था ने कला पाठशाला मुहिम के तहत ”अद्रिका संस्था” (NGO) के साथ मिलकर रविवार को मयूर विहार के यमुना खादर, फेस 4 में एक स्लम स्कूल का उदघाटन किया। ये स्कूल उन बच्चों को आगे बढ़ने में मदद करेगा जो अपने जीवन में कुछ बनना चाहते हैं लेकिन आर्थिक परेशानी के कारण नहीं बन पातें। आपको बता दें कि इस स्कूल में रोज़ाना तकरीबन 125 बच्चें पढ़ने आऐंगे।
उदघाटन के दौरान बच्चों को खाना भी वितरित किया गया। इस दौरान BEING SOCIAL – एक नई शुरूआत संस्था के संस्थापक सदस्य गौरव खुराना ने कहा कि हमारा उदे्श्य है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहें क्योंकि देश के उज्जवल भविष्य रूपी ताले की चाबी शिक्षा ही है। साथ ही इस संस्था में वॉलिंटियर्स के तौर पर काम कर रहें जितेश, स्न्गिधा , नदीम , रेनू , शशि आदि का काम भी सराहनीय है।
बता दें कि BEING SOCIAL – एक नई शुरुआत एक (NGO) है, जो दिल्ली के साथ-साथ कई अन्य कई राज्यों में काम कर रही है। संस्था ने 2017 में भी इसी तरह गाज़ियाबाद के स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों के लिए ”कला पाठशाला” नाम से एक स्कूल की शरुआत की थी। इस संस्था का मकसद सिर्फ ‘मुस्कान फैलाना और मानवता की सेवा करना है और वह जोरो शोरो से इस काम मे जुटी हुई है।
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