बबीता चौरसिया
दिल्ली। सर्दियों के शुरू होते ही दिल्लीवासियों को स्मॉग और प्रदूषण की वजह से कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं, लकिन इस बार उनके लिए राहत की खबर है। दिल्ली से सटे पंजाब, हरियाण और यूपी के एनसीआर वाले जिलों पिछले साल की तुलना में इस बार कम पराली जलाने की घटनाएं रिपोर्ट की गई है। पर्यावरण मंत्रालय ने बताया है कि पिछले एक महीने में पराली जालने की 1795 घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं जबकि साल 2020 में इसी समय में 4854 घटनाएं सामने आई थीं।
केंद्र के एयर क्लालिटी कमीशन ने कहा है कि इसरो की प्रोटोकॉल रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 69.49 प्रतिशत की कमी और एनसीआर में आने वाले एनसीआर के 8 जिलों में 47.61 प्रतिशत की कमी आई है।
कई जगहों पर लगा जुर्माना
आयोग के मुताबिक 14 अक्टूबर तक एक महीने की अवधि के दौरान 1795 आग की घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं जबकि 2020 में इसी समय में 4854 मामलों की सूचना मिली थी। कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने अब तक पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एनसीआर में आने वाले जिलों में सूचना मिलने पर 663 साइट का निरीक्षण किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जिन 1795 जगहों पर पराली जलाने की जानकारी मिली है उनमें से 663 खेतों तक निरीक्षण एजेंसियों और संबंधित राज्य के अधिकारियों ने किया है। इस दौरान 252 मामलों में जुर्माना भी लगाया गया है।
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पराली जलाने के मामले में पंजाब है सबसे आगे
माना कि इस साल पराली जलाने के मामले पिछले साल की तुलना में कम हैं, परन्तु पंजाब इस बार भी पराली जलाने में नंबर वन पर ही है। हालांकि राज्य में पिछले साल 4216 के मुकाबले आग लगने की बहुत ही कम 1286 घटनाएं शामिल हुई हैं। हरियाणा में पिछले साल 596 के मुकाबले इस बार 487 पराली जलाने की घटनाओं की सूचना सामने आई है। एनसीआर में आने वाले उत्तर प्रदेश के 8 जिलों में इस साल एक महीने में 22 पराली जलाने की घटना सामने आई है जबकि पिछले साल इसी अवधि में 42 मामले सामने आए थे।
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