चेतन पाठक
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद दिल्ली वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जैसे आंखो में जलन, स्किन डीज़ीज़,अस्थमा जैसी कई गंभीर बीमारियां का सामना दिल्ली वाले कर रहे हैं। प्रदूषण पराली से हो या गाड़ियों से जहर दिल्ली वासियों के शरीर में ही घुल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने शनिवार को अहम बैठक के बाद कई बड़े फैसले लिए थे जिसमें स्कूल को 1 हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया साथ ही सरकारी दफ्तरों को बंद कर सभी को वर्क फ्रॉम होम के लिए भेजा दिया गया , प्राइवेट ऑफिसेस के लिए एडवाइजरी जारी कर ज़्यादा से ज़्यादा एम्पलॉइज को वर्क फ्रॉम होम पर भेजने के लिए कहा गया।
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कंस्ट्रक्शन पर भी 14 से 17 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया गया।
आज एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इमरजेंसी मीटिंग हुई जिसमें प्रदूषण के आपातकालीन स्तर पर पहुंचने को लेकर मंथन हुआ।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने बताया कि राजधानी में चल रहे कैंपेन को 3 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अभी इसका पहला चरण 18 तारीख़ को समाप्त हो रहा है।
शनिवार को मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था कि अगर दिल्ली में प्रदूषण को लेकर स्थिति बेकाबू होती है तो Lockdown पर भी विचार किया जा सकता है।
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