Friday, November 22, 2024
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दिल्ली सरकार के मेंटर कार्यक्रम पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की कार्यवाई उचित : आर. सी. जैन

-दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चलाए जा रहे मेंटर कार्यक्रम को निलंबित किये जाने के सुझाव का दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने स्वागत किया है।

 एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी जैन ने आयोग के सुझाव से सहमति जताते हुए कहा कि इसमें उठाए गए जो सवाल हैं जब तक उनका समाधान ना हो जाए तब तक इस कार्यक्रम पर रोक लगाई जानी चाहिए। दिल्ली सरकारने लगभग 44000 जो मेंटोर बच्चों को गाइड करने के लिए नियुक्त किए हैं उनकी उचित तरीके से वेरिफिकेशन होनी चाहिए। दिल्ली सरकार की यह दलील कि इसमे आई.आई.टी औरआई.आई.एम के 1000 से ज्यादा बच्चे हैं, ग्रेजुएशन से लेकर पी.एच.डी कर रहे 15600 युवा और 7500 वह युवा शामिल हैं जो पढ़ाई पूरी कर चुके हैं. पढ़े-लिखे बच्चे हैं ऐसे में उनसे किसी प्रकार से बच्चों को नुकसान नहीं हो सकता, को उचितनहीं ठहराया जा सकता। 

श्री जैन ने कहा कि जितने भी साइबर क्राइम हो रहे हैं उनके पीछे आजअधिकतर वह पढ़े-लिखे बच्चे निकल कर के सामने आ रहे हैं जो साइबर का पूरीत रह से ज्ञान रखते हैं। यह भी ध्यान देने की बात है कि जब यह मेंटोर बच्चों को गाइड करते हैं तो क्या जो मेंटोर गाइड कर रहा है उसके ऊपर नजर रखी जा रही है ? मेंटोर क्या आपने आप में सक्षम हैं कि वह बच्चों को सही गाइड कर सके? क्योंकि देखा गया है कि जो बच्चे खुद सही तरीके से गाइड ना मिलने के कारण सरकारी नौकरी नहीं पा सके या अपना कोई व्यवसाय नहीं कर सके ऐसे व्यक्तियों को इस प्रकार से दिल्ली के गरीब अभिभावकों के बच्चों को सौंप देना ठीक नहीं है ,यह कदम ऐसे अभिभावकों के बच्चों के साथ गुनाह होगा।

श्री जैन ने कहा कि मां-बाप और शिक्षा विभाग भी हर समय पूरी तरह से नजर नहीं रख सकता। आई में मेंटर बच्चों को किस तरफ ले कर जा रहा है कोई नहीं कह सकता । दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री आर. सी. जैन ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि जब तक पूरी तरह से सभी मेंटर  का पुलिस वेरिफिकेशन ना हो जाए, उनकी बैकग्राउंड का पूरी तरह से छानबीन ना हो जाए तब तक हमें अपने बच्चों को किसी भीअनजान व्यक्ति के हाथ में नहीं सोपना चाहिए। श्री जैन ने सरकार से यह भी कहा है किअगर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कोई आपत्ति की है तो उसने भी पूरी तरह से छानबीन करने के बाद ही इस प्रकार का सवाल खड़ा किया होगा। 

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