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नई दिल्ली। एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता विनीत जिंदल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को लिखे एक पत्र में कश्मीरी पंडितों के त्रासदी (Kashmiri Pandits killings) से संबंधित सभी मामलों को फिर से खोलने और कश्मीर घाटी में हत्याओं की घटनाओं की फिर से जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का निर्देश देने की मांग की है। कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार को दर्शाने वाली फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बाद इस मुद्दे पर बहस ओर तेज हो गई है।
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विनीत ने पत्र में,1989-1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के मामलों की जांच के लिए उन्हें फिर से खोलने और जांच के लिए एक एसआईटी के गठन की मांग की है। उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि एसआईटी को अब तक दर्ज मामलों की पूरी तरह से जांच करनी चाहिए और पीड़ितों को एक मंच प्रदान करना चाहिए जो न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तत्कालीन प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण अपने मामलों की रिपोर्ट करने में असमर्थ थे।
उन्होंने कहा कि, यदि 33 साल पहले हुए सिख विरोधी दंगों से संबंधित मामलों को फिर से खोला जा सकता है और फिर से जांच की जा सकती है, तो 27 साल पहले हुए कश्मीरी पंडितों के मामलों को भी फिर से खोला जा सकता है और फिर से जांच की जा सकती है।
विनीत ने पत्र में कहा कि घटनाओं के शिकार लोग शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक आघात की स्थिति में थे और पिछले कई वर्षों से अपनी आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे थे और वे अपनी शिकायतों को और अपने बयान को दर्ज कराने की स्थिति में नहीं थे और इसलिए न्याय के अवसर से वंचित हैं।
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