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नई दिल्ली। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष ‘और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा, कि विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म में बहुत सारा झूठ दिखाया गया है और यह वास्तविकता से कोसो दूर है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप गलत है कि घाटी में कश्मीरी पंडितों को बचाने के लिए कुछ नहीं किया गया । उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उस समय केंद्र में भाजपा के समर्थन वाली वीपी सिंह की सरकार थी। जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ना पड़ा तो उस समय वहां राज्यपाल शासन लगा दिया गया था। उमर ने कहा कि इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि कश्मीरी पंडित आतंकवाद से पीड़ित हुए हैं लेकिन मुसलमानों और सिखों को भी आतंकवाद का सामना करना पड़ा है ।
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इससे पहले फारूक अब्दुल्ला ने एक स्वतंत्र जांच आयोग के गठन की मांग की थी ताकि कश्मीरी पंडितों के पलायन से जुडे तथ्यों को सामने लाया जा सके। कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार और मजबूरन पलायन को दिखाने वाली फिल्म द कश्मीर फाइल्स की लोग जहाँ तारीफ कर रहे हैं तो दूसरी तरफ आलोचना भी हो रही है।
जम्मू -कश्मीर में उस समय आंतकवाद अपनी चरम सीमा पर था और राज्य में फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे और महबूबा मुफ्ती के पिता मुफ्ती मोहम्मद सैयद केंद्र में गृह मंत्री थे। उस समय केंद्र में वीपी सिंह ने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई थी। कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने आरोप लगाया है कि फिल्म केवल मुस्लिमों के खिलाफ घृणा फैलाने का काम कर रही है।
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