पहली बार गर्भवती हुईं महिलाएं लें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ
योजना के अंतर्गत पोषण के लिए दिये जाते हैं तीन किस्तों में पांच हजार रुपये
निशान्त शर्मा
नॉएडा, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत जनपद में 21 मार्च से मातृ वंदना सप्ताह शुरू हो रहा है। केन्द्र सरकार की इस योजना में पहली बार गर्भवती होने पर पोषण के लिए तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिये जाते हैं। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने दी।
उन्होंने बताया-राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेंसी (सिफ्सा) की अधिशासी निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने मातृ वंदना सप्ताह के अंतर्गत पंजीकरण शिविर और बैक लॉग निस्तारण शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया है। शिविर के जरिए वार्षिक पंजीकरण लक्ष्य के साथ लंबित प्रकरणों का भी निस्तारण किया जाएगा।
योजना के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भारत भूषण ने बताया- 21 से 27 तक आयोजित इस सप्ताह में विशेष रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में हेल्प डेस्क बनाकर बैकलॉग, लंबित किस्तों का निस्तारण किया जाएगा, साथ ही नये आवेदन फार्म भरे जाएंगे। उन्होंने बताया इस दौरान जीरो लाभार्थी आशा एवं 90 दिनों से अक्रियाशील आशा कार्यकर्ताओं पर भी फोकस किया जाएगा। जनपद में 87 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है, शेष मातृ वंदना सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा।
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पीएमएमवीवाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक पारस गुप्ता ने बताया- जनपद में लगातार लाभार्थियों को किस्तों का भुगतान किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष (2021-22) में 4887 लाभार्थियों को योजना की पहली किस्त, 4867 लाभार्थियों को दूसरी किस्त, 2884 लाभार्थियों को तीसरी का लाभ दिया जा चुका है। इस वित्तीय वर्ष में जनपद में 87 प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया जा चुका है। उन्होंने बताया निर्धारित 46019 लक्ष्य के सापेक्ष 40226 गर्भवती/ धात्री महिलाओं को लाभ दिया जा चुका है। इस वित्तीय वर्ष में लाभार्थियों को पहली किस्त के रूप में 42.76 लाख रुपये, दूसरी किस्त के 86.22 लाख रुपये तथा तीसरी किस्त के 65.44 लाख यानि कुल 1.42 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं।
जनपद में आशा कार्यकर्ता सरिता प्रथम
जनपद के होशियारपुर क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता सरिता तिवारी ने इस वित्तीय वर्ष में जनपद में सबसे ज्यादा लभार्थियों के आवेदन पत्र जमा कराये हैं। सरिता अब तक 659 लाभार्थियों के आवेदन करा चुकी हैं। 384 ऐसी गर्भवती व धात्री महिलाएं हैं, जिन्हें योजना की तीनों किस्तों का भुगतान हो चुका है। सरिता की यह विशेष उपलब्धि हैं। सरिता कहतीं हैं कि पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए सरकार की यह बहुत ही लाभकारी योजना है। गर्भकाल में इस योजना से मिलने वाली धनराशि से महिलाएं पोषक आहार का सेवन करती हैं, जिससे उनकी सेहत अच्छी रहती है। वह हाई रिस्क प्रेगनेंसी में नहीं आती और वह स्वस्थ्य बच्चे को जन्म देती हैं। उन्होंने बताया वह क्षेत्र में पहली बार गर्भवती होने वाली सभी महिलाओं को योजना की जानकारी देती हैं और उनका आवेदन कराती हैं और तब तक उनसे संपर्क बनाकर रखती हैं जब तक उन्हें किस्त की धनराशि नहीं मिल जाती। उन्होंने कहा- अब क्षेत्र में उनकी पहचान बन चुकी है। वह अपनी कार्यशैली बताकर दूसरी आशा कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने का प्रयास करतीं हैं।
पहली बार गर्भवती होने पर तीन किस्तों में मिलते हैं पांच हजार रुपये
योजना के तहत पहली बार गर्भवती (मां बनने) होने पर महिला को तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिए जाते हैं, प्रसव चाहे सरकारी या निजी अस्पताल में कराया गया हो। पंजीकरण के लिए माता-पिता का आधार कार्ड, मां की बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है। मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिये। निजी अकाउंट ही मान्य होगा। यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रमाणिक पर्चा होना जरूरी है। उन्होंने बताया- पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जाँच होने पर दूसरी किस्त के रूप में (गर्भावस्था के छह माह बाद) 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।
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