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नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, कि उसकी पहली प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है, कि आम्रपाली ग्रुप के प्रत्येक घर खरीदार को फ्लैट मिले। जस्टिस यू.यू. ललित और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की बेंच को कोर्ट के रिसीवर वरिष्ठ वकील आर. वेंकटरमानी ने सूचित किया|
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शुरुआत में उन्होंने कम से कम आठ हजार फ्लैट की सूची जारी की थी, जिन पर किसी खरीदार ने दावा नहीं किया था, या जो फर्जी नामों से बुक किए गए थे या जिनका सही मूल्यांकन नहीं हुआ था।
वेंकटरमानी ने कहा कि तब से लगभग 4000 दावेदार आए हैं और हम उनके समझौतों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। लगभग 4000 फ्लैट अब भी बचे हुए हैं और हमें उम्मीद है कि अगले दो सप्ताह या दस दिनों में और लोग आ सकते हैं और अंततः 3000 ऐसे फ्लैट बचेंगे। इन फ्लैट को बिना बिक्री वाली संपत्ति के तौर पर माना जाएगा और अधिक धन जुटाने के लिए इन्हें नीलाम किया जाएगा।
बेंच ने फ्लैट के संबंध में जानकारी नहीं मिलने से आक्रोशित एक घर खरीदार से कहा कि हमारे लिए पहली प्राथमिकता यह है कि आम्रपाली के प्रत्येक घर खरीदार को एक छत मिले। हम अन्य पहलुओं में उलझ कर भटकेंगे नहीं। कोर्ट ने होमबॉयर से अगले छह महीने तक सुनवाई के लिए मामले का उल्लेख नहीं करने को कहा।
वेंकटरमानी ने बेंच को बताया कि अब तक घर खरीदारों द्वारा निर्धारित भुगतान योजना के अनुसार 900 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है और अधिक भुगतान करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि करीब 700 करोड़ रुपये की संपत्ति कम कीमत पर बेची गई थी और हम इसे घर खरीदारों के साथ सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनका हम पता लगा पाए हैं। कई आवंटन के लगभग 300-500 मामले देखे गए, जिनका सत्यापन चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को करेगा।
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