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नई दिल्ली। स्पेशल टास्क फोर्स रिपोर्ट तैयार करके मॉनिटरिंग कमेटी को भेजेगी। इसके बाद संपत्ति को डी-साल करने के लिए कमेटी की मंजूरी ली जाएगी। नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा गठित स्पेशल टास्क फोर्स की ओर से आने वाले तीन महीनों में एक हजार संपत्तियों को डी-सील करने की योजना तैयार की गई है। योजना के तहत उन संपत्तियों को डी-सील किया जाएगा, जिन्हें 2019 से पहले सील किया गया था। इन संपत्तियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी के दिशा-निर्देश पर सील किया गया था। दिल्ली के तीनों निगम क्षेत्रों में लगभग नौ हजार संपत्तियां मौजूदा समय में सील हैं।
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दिल्ली में उन संपत्तियों को डी-सील करने की तैयारी है, जो रिहायशी इलाकों में थी और उनमें व्यावसायिक या औद्योगिक कार्य किए जा रहे थे। इन संपत्तियों के मालिकों की ओर से निगम अधिकारी एक एफिडेविट ले रहे हैं, जिसमें आने वाले दिनों में उक्त संपत्ति में ऐसा कार्य फिर से नहीं करने की बात कही जा रही है। जिन संपत्ति मालिकों की ओर से यह एफिडेविट दिए जा चुके हैं, उनकी संपत्तियों को आने वाले तीन महीनों में डी-सील कर दिया जाएगा। नगर निगम सूत्रों के मुताबिक लगभग 2000 से अधिक संपत्तिधारक एफिडेविट दे चुके हैं।
निगम अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जिस संपत्तिधारक ने एक बार अपनी संपत्ति के लिए एफिडेविट दे दिया है, वह उस संपत्ति में आने वाले समय में कभी भी व्यावसायिक और औद्योगिक कार्य नहीं कर सकेंगे। अगर ऐसा किया गया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और जुर्माने का प्रावधान है। यह एफिडेविट खासकर उन लोगों से लिए जा रहे हैं, जिनकी संपत्तियां रिहायशी इलाकों में हैं।
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