-दिल्ली दर्पण ब्यूरो
दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में डिजिटल क्लास रूम बनाने के नाम पर एमसीडी अधिकारीयों को पैसे जुटाने के आदेश दिए जाने के आरोपों को आम आदमी पार्टी ने भ्र्ष्टाचार का नया तरिका बताया है और सवाल उठाया है कि सरकारी अधिकारी किसी एनजीओ के लिए पैसे क्यों मांगे ? इस सवाल पर नार्थ एमसीडी के केशव पुरम जोन के डीसी नवीन अग्रवाल ने कहा कि नगर निगम के किसी भी अधिकारी ने किसी से भी कोइ पैसा नहीं माँगा है। उनका यह एक प्रोजेक्ट था जिसे एनजीओ के साथ मिलकर नगर निगम के स्कूलों में डिजिटल क्लास रूम बनाये जाने थे। लेकिन इस पर उठे सवाल के बाद अब यह एमओयू रद्द कर दिया गया है ,अब नगर निगम अपने बुते इस प्रोजेक्ट को पूरा करेगा।
केशव पुरम जोन के डीसी नवीन अग्रवाल ने कहा कि हम कोइ पैसा एनजीओ को नहीं दे रहे थे। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एक अलग से कमेटी बनाई गयी थी जैसा हेड जोन के उपयुक्त को ही बनाया गया था। वही कमेटी इस प्रोजेक्ट के लिए होने वाले खर्चे को देखेगी। उन्होंने कहा की MOU में साफ़ है कि एनजीओ के पिछले लें दें से मौजूदा प्रोजेक्ट का कोइ लेना देना नहीं है। जोन उपायुक्त नवीन अग्रवाल ने कहा कि उनकी इच्छा थी की निगम स्कूलों के बच्चे भी डिजिटल क्लास रूम में पढाई कर सकें। उन्होंने कहा की एनजीओ “ड्राप इन ओसियन ” पहले भी नगर निगम के स्कूलों में कई साल से काम कर रही है। इसलिए इस एनजीओ के साथ करार किया गया।