Friday, November 8, 2024
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बुलडोजर के बाद अब दिल्ली में घुसा योगी का लाउडस्पीकर मुद्दा, दिल्ली में भी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाने में लगी बीजेपी

सांसद प्रवेश वर्मा के उप राज्यपाल और नगर निगमों को पत्र लिखने के बाद अब्र बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखा धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाने को पत्र 

चरण सिंह राजपूत।दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसा कुछ नया कर देते हैं कि उनका मुद्दा दूसरे प्रदेशों में भी गूंजने लगता है। योगी आदित्यनाथ ने जब आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए उनके घरों पर बुलडोजर चलवाना शुरू किया तो दूसरे राज्यों में भी उनकी इस नीति को अपनाया जाने लगा। मध्य प्रदेश में शिवराज चौहान के खरगोन में बुलडोजर चलवाने के बाद 17 अप्रैल को हनुमान जयंती पर जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद यहां पर भी बुलडोजर चलवाया गया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बुलडोजर रुक गया। यह जगजाहिर है कि यह सब योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर कार्रवाई के तर्ज पर ही हुआ था। अब योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक स्थलों से लाऊडस्पीकर क्या हटवाये कि दिल्ली में भी बीजेपी लाऊडस्पीकर हटवाने की मांग करने लगी।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखकर धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की है। दरअसल दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने फ्री बिजली पानी देकर एक बड़े तबके का वोटबैंक कब्ज़ा रखा है। दिल्ली में भाजपा को समय समय पर नीचा दिखाने का प्रयास करने वाले अरविन्द को सबक सिखाने की जुगत में बीजेपी नेता लगे रहते हैं। भाजपा चाहती है कि एमसीडी चुनाव से पहले भाजपा के हाथ कोई ऐसा मुद्दा लग जाये कि दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल को घेरा जा सके। भाजपा ने केजरीवाल को बिजली-पानी यहां तक कि शराब को लेकर भी खूब घेरा पर वह न घिर सके। अब बीजेपी कोई ऐसा भावनात्मक मुद्दे के सहारे केजरीवाल को घेरने की रणनीति बना रही है। इस समय बीजेपी के हाथ लाउडस्पीकर ऐसा मुद्दा लगा है कि जिसके दम पर अरविन्द केजरीवाल को घेरा जा सकता है।


दरअसल बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के उप राज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखने के बाद बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण का हवाला देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर से हटाने के लिए एक पत्र लिखा है। उनका कहना है कि इससे ने केवल लोगों की बीमारी बढ़ रही है वहीं बच्चों को पढ़ने में परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि जब अन्य राज्यों में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारे जा रहे हैं तो दिल्ली सरकार इस पर कदम क्यों नहीं उठा रही? गुप्ता ने कहा कि कई राज्यों ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का निर्णय लिया है और जनता ने इसका स्वागत किया है। दिल्ली सरकार को भी इस पर गंभीरता से सोचकर जल्द निर्णय लेना चाहिए। आदेश गुप्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार यहां तक कि बॉम्बे हाईकोर्ट भी कहता है कि लाउडस्पीकर किसी धर्म का हिस्सा नहीं है।
दरअसल दिल्ली लाऊडस्पीकर हटवाने की कवायद भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने शुरू की है। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और नगर निगमों को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर उन धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने या आवाज नियंत्रित करने की कार्रवाई की मांग की है, जो इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं।
वर्मा ने पत्र में दावा किया कि हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार, सभी धार्मिक स्थलों पर प्रदर्शित सभी लाउडस्पीकर को या तो हटा दिया जाना चाहिए या आवाज को सीमित कर दिया जाना चाहिए ताकि शांति भंग ना हो और आवाज भवन के अंदर ही सुनाई दे। विशेष रूप से पढ़ने वाले बच्चों और गंभीर रूप से बीमार मरीजों तथा आसपास रहने वाले लोगों की शांति ना भंग हो।
भाजपा सांसद का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उत्तर प्रदेश ने ठीक से पालन किया है, लेकिन दिल्ली में इसका ठीक से पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि आपसे अनुरोध है कि इस विषय पर दिल्ली में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए जाएं ताकि लोगों को बिना परेशान हुए शांतिपूर्ण माहौल मिल सके।
एक ट्वीट में वर्मा ने लिखा है कि धार्मिक स्थलों का गलत इस्तेमाल हो रहा है और लाउडस्पीकर का शोर बढ़ता जा रहा है तथा इनकी आड़ में सद्भाव बिगड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ऐसे लोगों के साथ खड़ी है, इसलिए उत्तर प्रदेश की तरह दिल्ली में भी कार्रवाई अतिशीघ्र किए जाने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर अवैध रूप से लगाए गए करीब 54 हजार लाउडस्पीकर अब तक हटाए गए हैं, जबकि करीब 60 हजार लाउडस्पीकरों की आवाज धीमी की गई है। प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर लगाए गए अवैध लाउडस्पीकर हटाने तथा अन्य लाउडस्पीकर की आवाज को निर्धारित सीमा तक सीमित करने का अभियान पिछली 25 अप्रैल को शुरू हुआ था।

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