-दिल्ली दर्पण ब्यूरो
दिल्ली. दिल्ली नगर निगम (नार्थ एमसीडी) के केशव पुरम जोन में तैनात एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जगत भूषण मीणा उर्फ़ जेबी मीणा पर एंटी करप्शन ब्रांच ने 3 जून 2015 को FIR संख्या 22 दर्ज़ की थी। इसमें वे 9 जून 2015 से अब तक जमानत पर और जांच अभी पेंडिंग है, वह जमानत पर बहार है बावजूद इसके वह न केवल बिल्डिंग विभाग में 6 साल से तैनात है बल्कि विजिलेंस विभाग की रिपोर्ट के अनदेखी कर वह प्रमोशन भी कर लेता है। यह कारनामा बीजेपी शासित नगर निगम में हुआ है। अब नए एलजी और नगर निगम में नए निजाम के आने के बाद ऐसे अधिकारी भी जांच की जद में है जो ऐसी गंभीर खामियों की और आँख मूंदे बैठे रहे है।
दिल्ली दर्पण टीवी के को प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार जे.बी. मीणा पर 2015 में रोहिणी सेक्टर 15 ,16 ,17,में डीडीए फ्लैट में अवैध निर्माण कराने के आरोप में दिल्ली सरकार की भ्र्ष्टाचार निरोधक शाखा ने मुकदमा दर्ज़ किया था। हैरत की बात है कि आज तक इसकी जांच ही पूरी नहीं हुयी है और वह जमानत पर बहार है। इस मामले ने आम आदमी पार्टी को बीजेपी पर प्रहार करने का एक और मौक़ा दे दिया है। नॉर्थ एमसीडी में पूर्व नेता विपक्ष विकास गोयल ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि ऐसे भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी संरक्षण देती आ रही है। उन्होंने कहा की नियमानुसार कोई भी अधिकारी तीन या चार साल से ज्यादा बिल्डिंग विभाग में नहीं रह सकता। लेकिन यह 6 सालों से यहां तैनात है।
नियम है की जब किसी अधिकारी का प्रमोशन होता है तो उसकी जांच होती है की उस पर भ्रष्टाचार का मामला तो नहीं है। जेबी मीणा के प्रमोशन से पहले एंटी करप्शन विभाग ने बकाया नगर निगम के विजिलेंस विभाग के लॉ ऑफिसर को 14 सितम्बर 2020 दिए जवाब में कहा की की FIR 22 /15 पर जांच अभी पेंडिंग है। यह बहुत गंभीर मामला है इस अधिकारी के साथ साथ उन अधिकारियों पर भी करवाई होनी चाहिए जो इस अनदेखी के लिए जिम्मेदार है।
इस सवाल नॉर्थ एमसीडी के बड़े बड़े नेता भी बगले झांक रहे है। पूर्व केशवपुरम जोन चेयरमैन और नॉर्थ एमसीडी में स्थायी समिति अध्यक्ष जोग राम जैन ने माना कि जिस अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप है उस पर उसके प्रमोशन से पहले जांच होती है, इस मामले की जानकारी उन्हें भी नहीं है। अब जब मामला सामने आया है तो पूरी उम्मीद है कि इसकी जांच होगी और अगर गलत हुआ है तो दोषी अधिकारियों पर जांच होगी।
इस मामले पर निगमायुक्त ज्ञानेश भारती से भी सम्पर्क कर इस मामले पर आधिकारिक जानकारी मांगी गयी लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके। जिस केशव पुरम जोन में जेबी मीणा तैनात है उस जोन डीसी से भी सम्पर्क किया गया लेकिन वे आधिकारिक जानकारी देने से बच रहे है।
नए एलजी और नगर निगम में नए निजाम के बाद ऐसे अधिकारी भयभीत है की यदि जांच की जद में वे आये तो क्या होगा। इनकी दिक्कत यह है की अब नेता भी उनकी मदद नहीं कर पा रहे है और सेटिंग के लिए सीधे सम्पर्क उनके बन नहीं पा रहे है। एक के बाद के भ्रष्ट अधिकारियों पर हो रही करवाई नगर निगम में चर्चा और चिंता का विषय बनी हुयी है।