दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली।। हरियाणा कांग्रेस की आंतरिक कलह ने अजय माकन को हरियाणा राज्य सभा चुनाव में हार का सामना करवा दिया है तो अब बारी दिल्ली की है। दिल्ली कांग्रेस भी भारी अंतर्कलह से गुजर रही है। इस कलह ने कांग्रेस के निष्ठावान नेताओं और कार्यकर्ताओं को चिंतित कर दिया है। उनका मानना है की दिल्ली विधान सभा की राजेंद्र नगर सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस अभी प्रचार तक ठीक से शुरू नहीं कर पायी है ,और अब हरियाणा राज्य सभा सीट में अजय माकन की हार ने कांग्रेस को और भी मायूस कर दिया है।गौरतलब है की राजेंद्र नगर विधान सभा अजय माकन का संसदीय क्षेत्र रहा है। लिहाज़ा यह माना जा रहा था की जैसे ही अजय माकन राज्य सभा चुनाव जीतकर आएंगे वे राजेंद्र नगर विधान सभा पहुंचे और कार्यकर्ताओं में जोश का संचार होगा। लेकिन अजय माकन की हार ने केवल अजय माकन को ही मायूस नहीं किया है बल्कि कार्यकर्ताओं में भी बेहद मायूसी है। नाम न छापने की शर्त पर कई पूर्व विधायक और जिला अध्यक्ष कहतें है की हरियाणा की तरह दिल्ली विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हारने वाली है। यदि कांग्रेस यहाँ अच्छा परफॉर्मेंस भी कर पाए तो यह उपलब्धि होगी। राजेंद्र नगर विधानसभा उपचुनाव के नतीजे कांग्रेस मरणासन्न कांग्रेस को और भी रसातल की और ले जायेंगे
दिल्ली उपचुनाव का सन्देश देशभर में कांग्रेस को कमजोर करने का काम करेगा। दिल्ली कांग्रेस को मजबूत करने के अभी हाल ही में आयोजित कांग्रेस का दो दिवसीय चिंतन शिविर भी कांग्रेस की गुटबाज़ी को कम नहीं कर सका। इस इस चिंतन शिविर में अजय माकन सहित कांग्रेस के कई कद्दावर नेता , पूर्व सांसद , पूर्व मंत्री तक नहीं पहुंचे। इनमें अरविंदर सिंह लवली ,किरण वालिया ,पूर्व मंत्री मंगत राम सिंघल ,पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ,जय प्रकाश अग्रवाल ,महाबल मिश्रा ,जगदीश टाइटलर ,कृष्ण तीर्थ ,आदि नदारद थे। केवल एक्का-दुक्का पूर्व विधायक ही चिंतन शिविर में पहुंचे।
ये भी पढ़ें – योगी आदित्यनाथ ने दिए असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाही के निर्देश
जाहिर है दिल्ली कांग्रेस चिंतन शिविर को लेकर कुछ ख़ास चिंतित नजर नहीं आयी। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी दिल्ली कांग्रेस की वरिष्ठ नेताओं ,कार्यकर्ताओं और जिला अध्यक्षों को जोड़ नहीं पा रहे है। दिल्ली कांग्रेस के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जा रहे राजेंद्र नगर विधान सभा उपुचनाव से भी कई पूर्व विधायक , सांसद ,जिला अध्यक्ष और वरिष्ठ कार्यकर्ता दूर ही नजर आ रहे है। बकौल के वरिष्ठ नेता के ” अनिल चौधरी काबिल लोगों को जिम्मेदारी नहीं सौंप रहे है। कांग्रेस की हार तो तय है लेकिन यदि वह कुछ मुकाबले में भी नजर आये तो उसका लाभ आगामी चुनावों में और कांग्रेस को मिल सकता है”
राजेंद्र नगर विधानसभा पर हो रहे उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी। जब तक बीजेपी और कांग्रेस अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा करते तब तक आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दुर्गेश पाठक अपने प्रचार का एक चरण पूरा कर चुके थे। आम आदमी पार्टी के बड़े बड़े नेता ,कार्यकर्त्ता बड़ी संख्या में घर घर प्रचार कर रहे है। सोशल मीडिया में दिल्ली सरकार के काम पर वोट मांग रहे है। आम आदमी पार्टी की पुर फ़ौज राजेंद्र नगर में डेरा डाले हुए है। वहीँ बीजेपी ने भी अपने पूर्व और मौजूदा विधायकों , मंत्रियों सहित दर्ज़नो नेताओं को बूथ स्तर पर जिम्मेदारी सौप दी है। पार्टी ने पूरी ताकत झौंक दी है।
ये भी पढ़ें – मानसून ने दस्तक, मिलेगी गर्मी से राहत
कांग्रेस ने अपने कुछेक नेताओं को ही लगाया हुआ है। इनमें पूर्व विधायक चतर सिंह , कवर करण सिंह , अनिल भारद्वाज ,अमरीश गौतम ,विजय लोचब ,को लगाया हुआ है। जबकि तमाम बड़े नेता घर बैठे है। कांग्रेस के नेता ही नहीं कांग्रेस की इस मायूसी पर बीजेपी भी खासी चिंतित है। बीजेपी नेताओं का मानना है कि यदि कांग्रेस इस चुनाव में मरणासन्न अवस्था में रही तो इसका भारी लाभ आम आदमी पार्टी को होगा। यदि उपचुनाव में आम आदमी पार्टी में फिर से विजयी रहती है तो यह दिल्ली सरकार की लोकप्रियता का नमूना माना जाएगा और इसका संदेश देशभर जाएगा।