Friday, November 8, 2024
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Homeदिल्ली NCRमात्र 12 सेकंड भारत की सबसे बड़ी इमारत हो जाएगी ढेर

मात्र 12 सेकंड भारत की सबसे बड़ी इमारत हो जाएगी ढेर

जॉली यादव

नॉएडा : नॉएडा में स्थित भारत की सबसे ऊँची सरंचना ट्विन टावर्स को रविवार को महज 12 सेकंड में ध्वस्त कर दिया जायेगा। सुप्रीम कोर्ट ने क़ुतुब मीनार से भी ऊँची संरचना को ध्वस्त करने का जारी किया। रविवार दोपहर 2:30 बजे 3700 किलोग्राम वजन के विस्फोटकों के साथ ट्विन टावर को नीचे लाया जाएगा।


ध्वस्तीकरण की तयारी पिछले कई दिनों से चल रही है और देश व विदेश की टीम मिलकर इसे अंजाम देंगे। दोनों इमारतों में 9600 होल किये गए जिन्हे चार्ज किया जा रहा है। जिसके बाद कल दोपहर में 30 मंजिल की इन इमारतों को ध्वस्त कर दिया जायेगा। विस्फोटीकरण की पूरी तयारी लगभग हो चुकी है।
एक्सप्रेसवे में 2:30 बजे से 15 मिनट पहले डायवर्सन व्यवस्था लागू कर दी जाएगी जिसके बाद एक्सप्रेसवे पर धूल पूरी तरह हटने तक यहाँ वाहनों के जाने पर प्रतिबन्ध होगा। रविवार सुबह से ही ट्विन टावर व उस तरफ जाने वाली सड़क पर जाना मना होगा हालांकि आसपास की सोसाइटी के लोगो को बहार जाने की अनुमति होगी।
विस्फोट के बाद निकलने वाले मालवा का इंतज़ाम भी हो चूका है। गौरतलब ईमारत से लगभग 80,000 तन मलबे निकलने की उम्मीद है जिसका सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लान के तहत निस्तारण होगा। सबसे पहले मलबे से स्टील व कंक्रीट को अलग किया जायेगा।कुल मलबे में से 50,000 तन मलबे को ट्विन टावर की दोनों बेसमेंट में समायोजित किया जायेगा और बचे हुए 30,000 तन मलबे को नॉएडा में स्थित सीएंडडी प्लांट में भेजा जायेगा जहाँ उसे 3 महीनो में टाइल में बदला जायेगा।


ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण को लेकर आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगो में मिश्रित भावनाये देखी जा रही है। लोग इसे अपनी जीत के रूप में मानाने के लिए उत्साहित है व उन्होंने जीवन में एक बार होने वाले इस पल को देखने की अच्छे से व्यवस्था कर ली है। वही दूसरी और कुछ लोग है जो डरे हुए है की ध्वस्तीकरण के दौरान कुछ ऊंच नीच न हो जाये। साथ ही विस्फोट के दौरान होने वाला धुंआ और प्रदुषण भी एक बड़ा चिंता का विषय है लोगो के लिए।
प्रदुषण को ध्यान में रखते हुए सीएम योगीआदित्यनाथ ने आश्वासन दिए की लोगो की सुरक्षा सर्वोपरि है व प्रदुषण नियंत्रण के लिए विनाश के बाद पानी के टैंकर , स्प्रिंकलर व स्मोग गन जल्द से जल्द धूल को साफ़ करेंगे। जिसके बाद जमी हुई धूल के लिए स्वीपिंग मशीनों का इस्तेमाल होगा।

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