दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
आदमी के सामने कैसी कैसी परिस्थितियां आती हैं। यह तो वही व्यक्ति समझ सकता है जो इनसे जूझता है। कई बार तो ऐसा हो जाता है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जी हां मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को अपना पिता समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
दरअसल अगस्त महीने में भारी बारिश का दौर चल रहा था और कई नदी-नाले उफान पर थे। कई लोगों का जनजीवन भारी बारिश के कारण अस्त-व्यस्त हो गया था। ऐसे में 15 अगस्त की रात सीहोर निवासी तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर सीवन नदी में अपनी कार के साथ बह गए थे। इसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और 9 दिन तक उन्हें खोजा गया। इसी बीच 15 किलोमीटर बाद पार्वती नदी है और वहां एनडीआरएफ की टीम को एक शव मिलता है।
प्रशासन को लगा कि यह शव तहसीलदार का है और इसकी पहचान के लिए तहसीलदार के परिवार को बुलाया गया। शव की स्थिति काफी बुरी थी और परिवार ने शव के कद को देखा और शिनाख्त कर ली कि यह शव तहसीलदार नरेंद्र सिंह का ही है। इसके बाद बेटे ने अंतिम संस्कार करने का फैसला किया और अंतिम संस्कार किया गया।
परिवार के अंतिम संस्कार करने के बाद मामला शांत हो गया और पुलिस की फाइलों में भी मामले को बंद कर दिया गया वहीं इसके ठीक 15 दिन बाद सीवन नदी में एक और शव मिलता है लेकिन इस शव को लावारिस बताकर पुलिस इस दफना देती है बाद में पता चलता है कि शव के गले में सोने की चेन थी और ॐ का लॉकेट थी बाद में तहसीलदार के परिवार को खबर मिलती है और परिवार दबाव बनाकर शव को कब्र से बाहर निकलवाता है।
इसके बाद तहसीलदार के बेटे ने सोने की चेन और ॐ की लॉकेट के आधार पर शव की पहचान की और इसे अपने पिता यानी तहसीलदार का शव बताया। फिर इसके बाद इस शव का 16 सितंबर को अंतिम संस्कार किया गया।
वहीं दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार 10 सितंबर को सीहोर के सेवनिया ग्राम के पास सीवन नदी में एक गड्ढे में काफी बुरी हालत में शव मिला था, जो सड़ चुका था। पुलिस ने इस शव को लावारिस समझकर दफना दिया। गले में सोने की चेन में ॐ लॉकेट की बात सामने आने पर यह कयास लगाए जाने लगे कि शव तहसीलदार का है। खबर फैलने पर परिवार के लोग भी थाने पहुंचे और उन्हें सोने की चेन और शव पर मिला टीशर्ट का टुकड़ा दिखाया गया। ॐ लॉकेट देखते ही तहसीलदार के बेटे पुष्पेंद्र ने शव की पुष्टि कर दी।