सी.एस. राजपूत
राजस्थान में 92 विधायकों का इस्तीफा और मुख्यमंत्री का अशोक गहलोत का उनके वश की बात न कहना मतलब राजस्थान सरकार को खतरा। ऐसे में कांग्रेस के लिए अध्यक्ष बनाने से बड़ी चुनौती राजस्थान की सरकार बचानी हो गई है। कांग्रेस हाईकमान को अंदेशा है कि अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके किसी चहेते को राजस्थान का मुख्यमंत्री बना दिया गया तो सचिन पायलट पार्टी से बगावत कर देंगे। ऐसे में भाजपा उन्हें लपकने के लिए तैयार बैठी है। कांग्रेस हाईकमान को डर सकता रहा है कि कहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह सचिन पायलट को कांग्रेस से तोड़कर भाजपा राजस्थान सरकार को गिरा न दे।
ऐसे में राजस्थान सरकार को संकट से बचाने के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता और सोनिया गांधी के चहेते मल्लिकार्जुन खड़गे या फिर कांग्रेस के थिंकटैंक नेता शशि थरूर पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है और अशोक गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री ही बना रहने दिया जा सकता है। ऐस में न गहलोत समर्थक विधायकों की नाराजगी रहेगी और न ही सचिन पायलट की और सोनिया गांधी का चहेता ही पार्टी का अध्यक्ष बन जाएगा। वैसे भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में साउथ से कांग्रेस को काफी समर्थन मिल रहा है। ऐसे में पार्टी हाईकमान साउथ से पार्टी अध्यक्ष बनाकर साउथ के अपने समर्थकों को खुश कर सकती है। उत्तर भारत में तो सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं ही। कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव तो बस दिखावा है। जिसे गांधी परिवार चाहेगा वही पार्टी का अध्यक्ष बनेगा।
दरअसल राजस्थान में जो भी चल रहा है वह अशोक गहलोत के इशारे पर चल रहा है। अशोक गहलोत जानते हैं कि यदि सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो उनके बेटे वैभव के लिए राजस्थान में स्थापित होने में बड़ी दिक्कत हो सकती है। वैसे भी टॉयलेट प्रकरण में उनका बेटा वैभव घिरा हुआ है। अशोक गहलोत की रणनीति है कि यदि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो राजस्थान का मुख्यमंत्री भी उनका चहेता हो। यही वजह है कि वह जोर दे रहे हैं कि राजस्थान का मुख्यमंत्री पार्टी के अध्यक्ष बनने के बाद तय हो। मतलब यदि वह पार्टी अध्यक्ष बनते हैं तो मुख्यमंत्री अपने चहेते तो बना ही देंगे और यदि नहीं बनते हैं तो खुद मुख्यमंत्री रहेंगे ही। यही सब वजह है कि अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री को लेकर इस्तीफा देने वाले 92 विधायकों के बारे में बोला है कि वह मान नहीं रहे हैं। जगजाहिर है कि सचिन पायलट पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी हैं।