Rajasthan Politics : सोनिया गांधी से मिलकर गहलोत ने सचिन पायलट पर लगाए हैं गंभीर आरोप
सी.एस. राजपूत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथ में सोनिया गांधी से मिलने जाते हुए जो कागज था उसमें’10 करोड़ लिखा था। क्या अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर बीजेपी से मिलकर 10-10 करोड़ में कांग्रेस विधायक तोड़ने का आरोप लगाया है। उस कागज में यह भी लिखा है कि वह पार्टी छोड़ देगा। दरअसल 10 जनपथ पहुंचे अशोक गहलोत के हाथों में एक कागज था, जिसकी तस्वीर सामने आई है, जिसमें लिखा हुआ है- “जो हुआ बहुत बुरा हुआ, मैं बहुत आहत हूं।” सामने आए कागज में सचिन पायलट खेमे के खिलाफ कई बातें लिखी गई थीं। इसमें यह भी लिखा गया था कि सचिन पायलट पार्टी छोड़ देंगे। साथ ही 102 बनाम 18 भी लिखा गया था। इसका मतलब अशोक गहलोत ने खुद के पाले में 102 विधायकों के समर्थन का दावा किया। जबकि सचिन पायलट खेमे के साथ 18 विधायक थे। तो क्या गहलोत सोनिया गांधी की नाराजगी को सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के रूप में देख रहे हैं। तभी तो सचिन पायलट की इतनी बुराई लिखकर गए थे। गहलोत सोनिया गांधी को सचिन से ज्यादा भरोसेमंद बताने गए थे पर राजस्थान प्रकरण के बाद गहलोत सोनिया गांधी की नजरों से उतर गए बताये जा रहे हैं। वैसे भी जब गहलोत राजस्थान पहुंचे तो पायलट समर्थक विधायकों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
दरअसल राजस्थान के सियासी ड्रामे और कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामांकन को लेकर कयासों के बीच, सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद गहलोत ने कहा था वे हालिया घटनाक्रमों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, चूंकि, कागज में लिखे पॉइंट्स का अधिकतर हिस्सा सामने नहीं आ पाया और वह गहलोत के हाथ से ढक गया। इस कागज में यह ’10 करोड़- बीजेपी’ भी लिखा हुआ था। इस नोट में सचिन पायलट के खिलाफ गंभीर आरोप शामिल थे, जिन्हें उन्होंने ‘एसपी’ बताया था। राजस्थान के सीएम ने जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने और उसके बाद के घटनाक्रम के लिए सोनिया गांधी से माफी मांगी और कहा कि वह अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। जिस तरह से गहलोत मामले में डरे हुए हैं उससे तो यही लग रहा है कि सचिन पायलट गांधी परिवार के ज्यादा करीब हो गए हैं। वैसे भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सचिन पायलट को पसंद करते हैं।
गहलोत ने चुनाव न लड़ने का ऐलान किया
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गहलोत ने यह भी कहा कि उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के बारे में फैसला सोनिया गांधी करेंगी। पार्टी की राजस्थान इकाई में संकट पैदा होने के बाद गहलोत पहली बार दिल्ली पहुंचे थे। गहलोत ने कहा कि पूरे देश में यह संदेश चला गया कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता हूं इसलिए यह सब हो रहा है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से ऐसी स्थिति बन गई कि प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। इस बात का दुख मुझे हमेशा रहेगा। अशोक गहलोत ने कहा, “मैंने राहुल गांधी से कहा था कि वह चुनाव लड़े लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। फिर मैंने कहा था कि चुनाव लड़ूंगा। पर अब मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।”