दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
पीएफआई अब इतिहास बनने जा रही है। केंद्र सरकार ने इस संगठन की कमर तोड़कर इस अपर प्रतिबंध लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। देशविरोधी गतिविधियों के आरोप में घिरी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पूरी तरह शिकंजा कसा जा रहा। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया कार्यकर्ता भूमिगत होकर दूसरे नामों से गतिविधियां न चलाएं इसलिए छापेमारी करके शीर्ष कैडर की रीढ़ तोड़ने का काम किया जा रहा है। इसी तरह की कार्रवाई पांच दिन पहले भी की गई थी।
सूत्रों के मुताबिक, संगठन पर प्रतिबंध का ठोस आधार तैयार किया जा रहा है। जल्द ही आखिरी चोट की जाएगी। संगठन के खिलाफ 19 अलग-अलग मामलों में गंभीर तथ्य पाए जाने का दावा एजेंसियों ने किया है।
इससे पीएफआई के खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई कर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। पीएफआई कार्यकर्ता भूमिगत होकर दूसरे नामों से गतिविधियां न चलाएं इसलिए छापेमारी करके शीर्ष कैडर की रीढ़ तोड़ने का काम किया जा रहा है। इसी तरह की कार्रवाई पांच दिन पहले भी की गई थी। तब संगठन के बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के आधार पर एनआईए लगातार शिकंजा कस रही है।
सूत्रों ने कहा कि सबसे पहले संगठन को मिलने वाली आर्थिक मदद का रास्ता बंद किया जा रहा है। पीएफआई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के बाद कड़ी कार्रवाई संभव है। हालांकि, सरकार ने आधिकारिक रूप से प्रतिबंध के बारे में कुछ नहीं बताया है। लेकिन कई भाजपा शासित राज्य पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव कर चुके हैं।
गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का कहना है कि हमें पीएफआई के खिलाफ संदिग्ध सूचना मिली है। सूचनाओं के आधार पर छापेमारी की गई। कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। जो जानकारी हमें आगे मिलेगी उसके अनुसार तलाशी ली जाएगी।
शिकंजे में 13 प्रमुख चेहरे
ओएमए सलाम अध्यक्ष
ईएम अब्दुल रहमान उपाध्यक्ष
अनीस अहमद महासचिव
वीपी नजरुद्दीन सचिव
अफसार पाशा सचिव
मोहम्मद साकिब सचिव
मोहम्मद अली जिन्ना एनईसी सदस्य
प्रोफेसर पी कोया एनईसी सदस्य
वकील मोहम्मद यूसुफ एनईसी सदस्य
अब्दुल वाहिद सैत एनईसी सदस्य
ए एस इस्माइल एनईसी सदस्य
मोहम्मद आसिफ एनईसी सदस्य
डॉ.मोहम्मद मिनारुल शेख एनईसी सदस्य
(इन सभी को पहले चक्र में ही गिरफ्तार कर लिया गया था)
कार्रवाई की 3 बड़ी वजह
1- मुस्लिम युवाओं को कट्टरता की ओर धकेला जा रहा। एनआईए और राज्य सरकार की एजेंसियां इसे लेकर काफी सतर्क हैं और एक साल में कई बार ऐसे मामलों में कार्रवाई भी की गई है। युवाओं को लश्कर, जैश जैसे बड़े आतंकी संगठनों के साथ जोड़ने का काम पीएफआई कर रही है।
2- देश में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े ज्यादातर मामलों में कहीं न कहीं पीएफआई का हाथ सामने आ रहा। एनआईए के मुताबिक, देशव्यापी प्रदर्शनों में पीएफआई के लोग सक्रिय हो जाते हैं और राष्ट्रविरोधी तत्वों को मदद पहुंचाते हैं। उन्हें धन मुहैया कराते हैं। इनके सबूत भी मिले हैं।
3- युवाओं का ब्रेनवॉश करने के लिए बकायदा कई शहरों में प्रशिक्षण केंद्र भी चलाए जाने के सबूत मिले हैं। तेलंगाना में ऐसे कैंप के ऊपर भी छापेमारी की गई है। हालांकि, पीएफआई का कहना है कि वह मार्शल ऑर्ट्स और बचाव के लिए युवाओं को प्रशिक्षण दे रही है।