Friday, October 18, 2024
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क्या है हिंदी दिवस का इतिहास ?

काव्या बजाज

वैसे तो भारत में कई तरह की भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन भारत में हिंदी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है। हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और इसके महत्व को दर्शाने के लिए हर साल आज ही के दिन यानी 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। तो आज हम जानेंगे कि हिंदी दिवस का इतिहास और इसका महत्व क्या है।

हिंदी दिवस का इतिहास

सबसे पहले साल 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का सुझाव रखा था। भारत में 70 फीसदी से ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं। संविधान की धारा 343(1) के अनुसार हिंदी भारतीय संघ की राजभाषा है। संविधान सभा की एक लंबी चर्चा के बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। तब से 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

इसके बाद एक सवाल ये भी आता है कि हिंदी दिवस 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है किसी और दिन क्यों नहीं

तो आपको बता दें कि 14 सितंबर को हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह का जन्मदिन है। जिन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए मैथिलीशरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी, महादेवी वर्मा और ऐसे ही कई साहित्यकारों के साथ मिल कर कठिन प्रयास और घोर संघर्ष किया था। सिर्फ भारत ही नहीं विदेश में जाकर भी उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया और हिंदी भाषा में भाषण भी दिया। उनके इस कार्य से उन्होंने काफी तारीफें बटोरी थी। हिंदी के प्रति उनकी लगन और उनके द्वारा किए गए प्रयासों को देखते हुए 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का ऐलान किया गया।

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