कांग्रेस द्वारा शेयर की गई तस्वीर पर ज्यादातर सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा है कि यह पार्टी हिंदू विरोधी है इसलिए इस तरह का ट्वीट कर रही है।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रविवार यानी 23 अक्टूबर को दीपोत्सव मनाया गया। यहां पर 15 लाख 76 हजार दिये जलाने का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया गया लेकिन दीया बुझने के बाद आसपास के रहने वाले गरीब घरों के लोग जले हुए दिये में बचे हुए तेल को बटोरने लगे। इसको लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है। वहीं आम सोशल मीडिया यूजर्स ने सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
तेल बटोरने के लिए घाटों पर पहुंचे लोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कई मंत्री भी दीपोत्सव में पहुंचे थे। उनके जाने के बाद बच्चे, महिला और बुजुर्ग हर कोई बुझे हुए दिये से तेल निकालते हुए दिखाई दिया। कुछ लोग हाथों में कंटेनर लेकर आए थे तो वहीं कुछ लोग तेल बटोरने के लिए प्लास्टिक के बोतल लेकर आए थे। तेल बटोरने आए कुछ लोगों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इससे उनको काफी फायदा हो जाता है। गरीबी के कारण यहां पर तेल बटोरने के लिए आते हैं।
कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
कांग्रेस की आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बुझे हुए दीप से तेल निकालती महिला और एक बच्चे की तस्वीर साझा कर लिखा गया, ‘वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत 107 वें पायदान पर है। यह तस्वीर अयोध्या की है, एक महिला बुझे हुए दियों से तेल बटोर रही है। इसी तेल से घर का खाना बनाएगी।’
कांग्रेस द्वारा शेयर की गई तस्वीर पर कुछ लोग उनकी बातों का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने कांग्रेस पर ही कई तरह के सवाल खड़े किए हैं। शशि शेखर नाम के एक यूजर द्वारा लिखा गया कि भारत में मोदी सरकार 80 करोड़ जरूरतमंद लोगों को राशन मुहैया करा रही है लेकिन कांग्रेस का हिंदू विरोधी चेहरा देखिए कांग्रेस पार्टी राम और हिंदू विरोधी है। शशांक शेखर झा नाम के एक यूजर ने सवाल किया – प्रभु श्री राम, दीपावली व अयोध्या से कांग्रेस को इतना देर क्यों?
रॉकी नाम के एक यूजर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लिखा कि कांग्रेस हिंदुओं के हर त्यौहार को अलग ही एंगल दे देती है। संजय शर्मा नाम के एक यूजर ने कमेंट किया – कोई बता रहा था कि इस आयोजन में 50 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हुए हैं। अनुभव शुक्ला नाम के एक यूजर ने सवाल किया कि हमेशा अपनी बड़ाई करने वाले यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को यह सब नहीं दिखाई देता क्या?