सोमवार तक दिल्ली एनसीआर की हवा के बेहद खराब श्रेणी में जाने की आशंका है। इसे देखते हुए वायु गुणवत्ता आयोग ने ग्रैप के दूसरे चरण को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। पराली जलाने से रोका जाएगा।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप के दूसरे चरण को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत कई तरह की पाबंदियां दिल्ली में लगाई गई हैं। सरकार ने यह फैसला विशेषज्ञों द्वारा राजधानी में प्रदूषण का स्तर दिवाली से पहले 24अक्टूबर से बेहद खराब श्रेणी में जाने की आशंका जताने के बाद किया है। वायु गुणवत्ता आयोग की सब कमेटी ने इसे लेकर बुधवार को आपात बैठक बुलाई थी। इसी में ग्रैप के दूसरे चरण को लागू करने का निर्णय लिया गया।
मेट्रो और इलेक्ट्रिक बसों के फेरे बढ़ेंगे
इसके तहत सरकार ने संबंधित विभागों को दिल्ली मेट्रो, सीएनजी और इलेक्ट्रिक बस के फेरे बढ़ाने को कहा है, ताकि लोग अपनी गाड़ियों को छोड़ सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें। साथ ही लोगों से सरकार ने अपील की है कि वे सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा इस्तेमाल करें। साथ ही अक्टूबर से जनवरी तक धूल उड़ाने वाले निर्माण कार्य न करने की सलाह दी गई है।
पराली जलाने से रोकने को जिम्मेदारी तय होगी
सर्दियों में पराली से दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र सक्रिय हो गया है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने पराली जलाने से रोकने के लिए जिले के कलेक्टर की जिम्मेदारी तय करने को कहा है।
क्या-क्या पाबंदियां
– दिल्ली-एनसीआर में आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर चलाने पर रोक रहेगी
– होटल, रेस्तरां और ढाबे में कोयला-लकड़ी जलाने पर रोक
– सरकार को पार्किंग शुल्क बढ़ाने के लिए कहा गया, ताकि निजी वाहनों का प्रयोग लोग कम करें
– ग्रैप के दूसरे चरण के साथ पहला चरण भी लागू रहेगा
दिल्ली-एनसीआर में पहली बार प्रदूषण के पूर्वानुमान से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। अभी तक हवा की गुणवत्ता के आधार पर ग्रैप का फैसला होता था। इस वर्ष वायु गुणवत्ता आयोग ने कहा था कि प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाकर फैसला लिया जाएगा। 22 को प्रदूषण, मौसम और पराली के पूर्वानुमान के आधार पर दिल्ली एनसीआर में ग्रैप का दूसरा चरण लागू करने का फैसला लिया गया है। पिछले साल तक हवा में प्रदूषक कण 2.5 और पीएम 10 के खास स्तर तक पहुंच जाने के बाद ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाती रही है। लेकिन, इस बार एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रदूषण के पूर्वानुमान के आधार पर प्रतिबंधात्मक कदम उठाए गए हैं।
इस पर भी जोर
– पार्किंग फीस को बढ़ाया जाए ताकि लोग गाड़ी लेकर कम निकलें।
– होटल, रेस्तरां और ढाबों पर तंदूर में कोयला या लकड़ी का इस्तेमाल न होने दिया जाए।
– होटल, रेस्तरां और ढाबों में बिजली से चलने वाले तंदूर का इस्तेमाल किया जाए
क्या है ग्रैप
प्रदूषण की रोकथाम के लिए वर्ष 2017 में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप को लांच किया गया था। ग्रैप में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही अलग-अलग प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू किया जाता है। आमतौर पर 15 अक्टूबर से 15 फरवरी के बीच ग्रैप के प्रावधान लागू रहते हैं।