Friday, November 8, 2024
spot_img
Homeराष्ट्रीयNafrat Chhodo Sanvidhan Bachao Abhiyan : नफरत और हिंसा के वातावरण में...

Nafrat Chhodo Sanvidhan Bachao Abhiyan : नफरत और हिंसा के वातावरण में विकास संभव नहीं :  डॉ. सुनीलम


 ‘नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ अभियान के तहत उत्तराखंड में पदयात्रा एवं आमसभा सम्पन्न, 31 अक्टूबर को दिल्ली में अभियान के दूसरे चरण की रूपरेखा तय की जाएगी,  सुनील, जगदीश और अंकिता के हत्यारों को सजा दिलाने की लिए सड़कों पर तेज होगा संघर्ष प्रदीप टम्टा

सी.एस. राजपूत 

देश भर के सभी जिलों में 2 अक्टूबर से 10 दिसंबर तक ‘नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ’ अभियान के तहत 75 किलोमीटर की पदयात्रा की जा रही है। उत्तराखंड में राष्ट्र सेवा दल के राष्ट्रीय संगठन जबर सिंह वर्मा के नेतृत्व में पदयात्रा की गई। मसूरी में 11 बजे अंबेडकर चौक से शहीद स्थल तक पैदल यात्रा निकाली गई तथा 12 से 3:30 बजे तक शहीद स्थल पर सभा हुई।
 पद यात्रा में प्रमुख रूप से पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा एवं पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम शामिल रहे।
   

पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में नफरत को खत्म करने और संविधान को बचाने के लिए जो भी प्रयास हो रहे हैं हम उनका समर्थन कर रहे हैं।
  उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा की सरकार आने पर लगातार दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं। सुनील की हत्या के 7 महीने बाद भी हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जगदीश और अंकिता को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर संघर्ष जारी है।
 पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने डीजीपी से फोन पर बात की और मामले को गंभीरता से लेकर जल्द खुलासा  करने को कहा. डीजीपी ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है और इस मामले  का खुलासा जल्द से जल्द करने का आश्वासन दिया. डीजीपी ने दीवाली के बाद मृतक सुनील के परिजनों से मिलने की इच्छा भी जाहिर की.प्रदीप टम्टा ने बताया कि राजधानी व पुलिस मुख्यालय के नजदीक होने के बावजूद और पुलिस, एस ओ जी, एसटीएफ को जांच सौंपने के बावजूद सुनील हत्याकांड का खुलासा न होना गंभीर मसला है। राज्य में गरीब, दलित तबका खुद को असहाय महसूस कर रहा है।
   

 उन्होंने कहा कि बाबा साहब की प्रेरणा से जो जागृति देश भर में आई है, उसे व्यापक जन आंदोलन का रूप देने की जरूरत है ताकि संविधान पर हमला करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
    पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने ‘नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ’ अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 50 जिलों में 75 किलोमीटर की यात्राएं की जा चुकी है तथा नवंबर माह में 150 जिलों में पदयात्रा प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में दूसरे चरण की पदयात्राएं, 30 जनवरी को गांधी जी के शहादत दिवस पर होने वाले कार्यक्रम,  दिल्ली के आसपास के जिलों से 26 जनवरी से 30 जनवरी की पदयात्रा और दिल्ली मार्च की रूपरेखा तय करने के लिए बैठक बुलाई गई है।
   

 डॉ सुनीलम ने  मसूरी के पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आभार प्रदर्शित करते हुए कहा कि उन्होंने सदा ही अन्याय, अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करने वालों का साथ दिया है, चाहे सरकार किसी की भी क्यों ना रही हो।
     

डॉ सुनीलम ने कहा कि लोकतंत्र समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और बंधुत्व के मूल्यों पर भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार हमला किया जा रहा है। उन्होंने कहा नफरत और घृणा पर आधारित राजनीति समाज और देश के लिए घातक है। इसका परिणाम हिंसा होती है। हिंसात्मक वातावरण में किसी भी देश में विकास संभव नहीं है।
नफरत के खिलाफ एक तरफ  कश्मीर से कन्याकुमारी तक ‘भारत जोड़ो पदयात्रा’ निकाली जा रही है तथा दूसरी तरफ  ‘नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ, अभियान के तहत सभी जिलों में 75 किलोमीटर की पदयात्रा  निकाली जा रही है। दोनो का मकसद एक है।
      सभा को  मसूरी के जोत सिंह गूनसोला, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल,गौरव अग्रवाल, नितिन दत्त, सचिन कुमार, अल्मोड़ा से किरन आर्या, नैनीताल से खस्टी सुयाल, उत्तरकाशी से पूजा आदि ने संबोधित किया।
अल्मोड़ा, नैनीताल, उत्तरकाशी, जौनसार क्षेत्र से यात्रा को समर्थन देने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments