Friday, November 22, 2024
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Vijay Dashami : नोएडा के इस गांव में हुआ था रावण का जन्म, दशहरा के दिन यहां होती है दशानन की पूजा


दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में बिसरख नाम का गांव है, जहां रावण का जन्म हुआ बताया जाता है। इस गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां के लोग दशहरा नहीं मनाते हैं। यही नहीं दशहरा के दिन यहां रावण की पूजा करते हैं, सुबह-शाम पकवान बनाते हैं।

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में नोएडा में बसा बिसरख गांव है, जिसे रावण के गांव के रूप में जाना जाता है। कहते हैं कि इसी जगह पर लंकेश का जन्म हुआ था। यही वजह है कि यहां पर न तो दशहरा मनाया जाता है और न ही रावण के पुतले को जलाया जाता है। ऐसा भी कहते हैं कि कई दशक पहले जब इस गांव के लोगों ने रावण के पुतले को जलाया था तो यहां कई लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद गांव के लोगों ने मंत्रोच्चारण के साथ रावण की पूजा की तब जाकर यहां शांति हुई थी। अब ये बात कितनी सच है, ये तो हम नहीं कह सकते, लेकिन हां इस गांव में दशहरा नहीं मनाया जाता है।

यही नहीं ऐसा भी बताया जाता है कि इस गांव में रावण के बाद कुंभकरण, शूर्पणखा और विभीषण ने भी जन्म लिया था। यही वजह है कि जब पूरे देश में श्री राम की जीत की खुशियां मन रही होती है, तो वहीं इस गांव में रावण की मौत का भी शौक मनाया जाता है। दशहरा के दिन यहां लोग मातम मनाते हैं।

रामलीला शुरू हुई, तो गांव में हुई लोगों की मौत –

ऐसा कहते हैं कि गांव के लोगों ने यहां दो बार रामलीला का आयोजन किया था और रावण दहन भी यही किया गया था। लेकिन दोनों बार रामलीला के समय किसी न किसी मौत हो गई। इसलिए यहां कभी रावण दहन नहीं होता। अब बिसरख की आत्मा की शांति के लिए हवन किया जाता है। और तो और, नवरात्रि के दौरान शिवलिंग पर बलि पर चढ़ती है।

बिसरख में रावण ने प्राप्त की शिक्षा –

ऐसा माना जाता है कि बिसरख रावण के पिता विश्रवा ऋषि का गांव हुआ करता था। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम बिसरख पड़ा था। विश्व ऋषि यहां रोज पूजा करने के लिए आया करते थे। उनके बेटे रावण का जन्म भी यही हुआ था। इसके अलावा, पूरे देश में बिसरख एक ऐसी जगह है, जहां अष्टभुजीय शिवलिंग स्थित है। यही रावण ने अपनी शिक्षा भी प्राप्त की थी।

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