व्यवस्था को चेतावनी दे रहा है ग्रुप मैक्स हॉस्पिटल पर हुआ साइबर अटैक, क्या हैकर्स से निटपटने के लिए सरकार के पास मौजूद हैं एक्सपर्ट हैकर्स
सी.एस. राजपूत
आपने रंगदारी के बहुत से मामले देखे होंगे, कहीं पर दबगंई दिखाकर पैसे ऐंठे जाते हैं, कहीं पर प्रॉपर्टी कब्ज़ा ली जाती है तो कहीं पर पिटाई और हत्या तक कर दी जाती है। क्या आपको पता है कि इनसे भी बड़े रंगदारों ने अपना नेटवर्क देश और दुनिया में फैला लिया है। आप सोच रहे होंगे कि ऐसे कैसे रंगदार पैदा हो गए जो इन सब पर भारी पड़ते हुए देश और दुनिया के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। जी हां बात हो रहे है ऑनलाइन हैकर्स की। इन हैकरों की रंगदारी भी ऐसी कि आपको बर्बाद ही करके रख दे। यदि आप इन्हें रंगदारी न दें तो आपका पूरा धंधा ही चौपट कर दें। हैकर्स’ की रंगदारी का बड़ा उदाहरण कल देश के प्रतिष्ठित ग्रुप मैक्स हॉस्पिटल पर हुआ साइबर अटैक है।
ग्रुप मैक्स हॉस्पिटल पर हुए साइबर अटैक को भले ही सरकार हल्के में ले रही हो पर समझने की जरूरत है यह है कि जब ये हैकर्स एक अस्पताल के सिस्टम को हैक कर सकते हैं तो पीएम या दूसरे मंत्रालयों के सिस्टम को हैक करने का अंदेशे से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। हाल ही में किसी हैकर के वित्त मंत्रालय के सिस्टम हैक कर सरकार को सचेत करने की भी बात सामने आई थी।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि सरकार हैकरों से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है ? क्या देश सिस्टम को हैक करने वाले हैकर्स से निपटने के लिए अपने एक्सपर्ट हैकर्स’की जरूरत नहीं है ? प्रश्न यह भी है कि यदि इन हैकरों ने देश का वित्त और रक्षा सिस्टम हैक कर दिया तो सरकार क्या करेगी ?
गत दिनों उत्तराखंड के भाजपा विधायक महेश नेगी से साइबर हैकर्स के 60 लाख की रंगदारी मांगने की बात सामने आई थी। रंगदारी न देने पर उनके आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने की धमकी दी गई थी। तब विधायक नेगी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि किसी अनजान व्यक्ति ने कॉल कर उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश की है। पुलिस ने रंगदारी मांगने वाले नंबर की सर्विलांस जांच की तो उसकी लोकेशन बंगाल की आई थी।
दरअसल ऐसी जानकारी मिली है कि हैकर्स ने मैक्स हॉस्पिटल के कम्प्यूटरों के प्रोसेस को ही जाम का दिया है। कम्प्यूटरों की स्क्रीन पर बस पैसे मांगने का संदेश आ रहा है। दिलचस्प बात यह है कि देश में इतना बड़ा साइबर अटैक हुआ है और अस्पताल सरकार में कोई हलचल नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि हैकर्स ने धन की मांग बिटकॉइन में की है। रंगदारी भी ऐसी कि पहले दिन 50 बिटकॉइन, दूसरे दिन 60, तीसरे दिन 90 और चौथे दिन 130 बिटकॉइन देने पड़ेंगे। न देने पर 5 वें दिन समस्त डाटा डेलीट करने की धमकी दी गई है।
हॉस्पिटल प्रशासन में हड़कंप तो है पर कोई कुछ बताने को तैयार नहीं। मतलब हैकरों ने हॉस्पिटल ग्रुप के लिए तो दिक्कत खड़ी कर ही दी है साथ ही मरीजों के लिए भी बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। दिल्ली दर्पण टीवी की टीम के सामने शालीमार बाग़ स्थित मैक्स हॉस्पिटल प्रशासन ने यह तो माना कि उनके कम्प्यूटर्स में दिक्कत आ रही है पर खुलकर बोलने से प्रशासन बचता रहा। हालांकि मामले की शिकायत हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा पुलिस से करने की बात सामने आई है। भारत के लिए देखने की बात यह है कि दुनिया में पिछले कुछ सालों से करीब 90 देश साइबर अटैक का शिकार हो चुके है। इनमें ब्रिटेन, स्पेन,रूस, पुर्तगाल भी शामिल हैं। ऐसे में भारत को किसी बड़े खतरे के पैदा होने से पहले हैकर्स’से निपटने की तैयारी कर लेनी चाहिए।
अस्पताल के सिस्टम लॉक होने की बात भी सामने आई है। लोगों को उनकी मेडिकल हिस्ट्री न मिलने और HR डाटा, वित्तीय डाटा सब कुछ हैक होने की खबर सामने आ रही है। देखने की बात यह है कि आज डिजिटल दुनिया में सब कुछ ऑनलाइन है। किसी भी संस्था या व्यक्ति यहाँ तक की सरकार का डाटा भी ऑनलाइन होता है। यानी सब कुछ कंप्यूटर पर होता है। इस सिस्टम को कोइ हैक कर ले तो सब कुछ उसके काबू में आ जाता है। वह चाहे तो डाटा डिलीट कर दे या उसके साथ छेड़छाड़ कर दे। जिस तरह आतंकवादी किसी पर हमला करते है उसी तरह यह भी हमला ही है। इसलिए इसे साइबर अटैक कहा जाता है।