वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने प्रदूषण के स्तर में सुधार को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रेप-4 के तहत लगाई गई पाबंदियों को हटा दिया है। जानें प्रतिबंधों को हटाए जाने के क्या हैं मायने
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता पैनल ने रविवार को प्रदूषण रोकथाम कार्य योजना के अंतिम चरण के तहत दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तीन दिन पहले लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने का फैसला लिया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार के बाद यह कदम उठाया है। आयोग ने बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रेप-4 (Graded Response Action Plan, GARP) के तहत गैर-बीएस-6 डीजल से चलने वाले हल्के मोटर वाहनों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी थी। इस रिपोर्ट में जानें, क्या हैं प्रतिबंधों को हटाए जाने के मायने…
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के ताजा फैसले से दिल्ली-एनसीआर में गैर-बीएस-VI डीजल से चलने वाले हल्के मोटर वाहनों के आवागमन से प्रतिबंध हटा लिया जाएगा। यही नहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश की भी अनुमति होगी।
दिल्ली में गैर जरूरी निर्माण गतिविधियों पर रोक जारी रहेगी। लेकिन राजमार्गों, सड़कों, फ्लाईओवरों, ओवरब्रिजों, विद्युत पारेषण और पाइपलाइनों से संबंधित गतिविधियों की अनुमति होगी। फिलहाल दिल्ली में प्राइमरी स्कूल 8 नवंबर तक बंद रहेंगे। इस दौरान स्कूलों को बाहरी गतिविधियां आयोजित करने की इजाजत नहीं होगी।
ग्रैप के तहत पहले से लेकर तीसरे चरण तक की कार्रवाइयां लागू रहेंगी। यानी सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा निगरानी और समीक्षा का काम चलता रहेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में नहीं जाने पाए। समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि वायु गुणवत्ता में सुधार के बीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में अन्य प्रतिबंधों को हटाने पर चर्चा हो सकती है।
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय की ओर से बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में प्राथमिक विद्यालयों को फिर से खोलने के मसले पर निर्णय लिया जा सकता है। यही नहीं दिल्ली सरकार के कर्मचारियों को घर से काम करने संबंधी फैसले की समीक्षा भी संभव है।
वायु गुणवत्ता आयोग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि चूंकि दिल्ली में मौजूदा एक्यूआई स्तर 339 के आसपास है। उठाए गए कदमों के चलते एक्यूआई में आगे भी सुधार बने रहने की उम्मीद है। इस तरह के प्रतिबंधों से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं। इसलिए उप-समिति इन प्रतिबंधों को लेकर तीन नवंबर 2022 को जारी अपने आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेती है। हालांकि, ग्रेप एक से तीन के तहत जारी पाबंदिया लागू रहेंगी। इनके अनुपालन को लेकर निगरानी भी की जाएगी। समय समय पर हालात की समीक्षा की जाएगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में नहीं पहुंचने पाए।