- टीबी के लक्षण दिखने पर तुरंत कराएं जांच : डीटीओ
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
फिरोजाबाद । जनपद निवासी 38 वर्षीय मोहन सिंह (परिवर्तित नाम) पिछले काफी दिनों से हड्डी में दर्द (बैकबोन) को लेकर परेशान थे। आसपास के डॉक्टरों तथा मेडिकल स्टोर से दवा खाने के बावजूद भी मोहन सिंह को दर्द में राहत नहीं मिली। मोहन ने यह समस्या अपने परिचित शिक्षक को बताई तो उन्होंने उसे टीबी की जाँच कराने की सलाह दी| मोहन ने जब टीबी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराई तो उन्हें बोन टीबी की शिकायत मिली। मोहन अपना सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार पिछले कई महीनों से करा रहे हैं और अब स्वस्थ भी हैं।
क्षय रोग अधिकारी डॉ ब्रजमोहन ने बताया कि मोहन जैसे कई रोगी हैं जो पीठ दर्द व अन्य जोड़ों के दर्द से परेशान हैं। उनका कहना है कि कई दिनों से हो रहे पीठ दर्द व जोड़ों के दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, तुरंत टीबी जांच केंद्र पर जांच कराएं।
डॉ ब्रजमोहन ने बताया कि टीबी एक संक्रामक रोग है। यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु के कारण होता है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। शरीर के अन्य अंगों में भी टीबी हो सकता है। हड्डियों में लगातार दर्द बोन टीबी के संकेत हो सकते हैं ऐसे में तुरंत जांच करवानी चाहिए। हड्डी टीबी की विभिन्न श्रेणियां होती हैं, जैसे रीढ़ में, कूल्हे के जोड़ में, कोहनी में, घुटने के जोड़ में, टखने के जोड़ में एवं ऊपरी भाग में आदि | विभिन्न प्रकार की हड्डी की टीबी के लिए अलग-अलग उपचार की विधि उपलब्ध हैं।
डीटीओ ने बताया कि टीबी दो प्रकार की होती है। एक पलमोनरी, एक्स्ट्रा पलमोनरी (ईपी) टीबी। जब टीबी फेफड़ों के अलावा शरीर के किसी अन्य अंग में होती है तो इसे ईपीटीबी कहते हैं।
विभाग के डीपीपीसीएम मनीष यादव ने बताया जोड़ों का दर्द, वजन कम होना, थकान, लगातार हल्का बुखार रहना टीबी के संकेत हो सकते हैं। टीबी की सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क जांच की जाती है और इसका उपचार भी पूर्णतया निशुल्क है। टीबी की पुष्टि होने पर रोगी को इलाज के समय तक 500 प्रति माह सरकार द्वारा रोगी के बैंक खाते में दिए जाते हैं जिससे रोगी पौष्टिक आहार लेकर शीघ्र स्वस्थ हो सके। उन्होंने कहा कि टीबी का उपचार लंबा होता है इसलिए रोगी को बीच में इसका उपचार छोड़ना नहीं चाहिए।
टीबी के लक्षण:-
- लगातार हल्का बुखार
- भूख ना लगना
- लगातार वजन कम होना
- लगातार खांसी रहना
- जोड़ो में दर्द रहना