किशोरी से दुष्कर्म के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपित 20 वर्षीय लड़के को जमानत दे दी। पीठ ने सुनवाई के दौरान नोट किया कि लड़के की रिहाई के लिए पीड़ित लड़की ने खुद जमानती के रूप में आई है।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली । किशोरी से दुष्कर्म के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपित 20 वर्षीय लड़के को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति ए जे भंभानी की पीठ ने सुनवाई के दौरान नोट किया कि लड़के की रिहाई के लिए पीड़ित लड़की ने खुद जमानती के रूप में खड़े होने की पेशकश की है। लड़की की मां के अनुरोध पर लड़के के खिलाफ प्राथमिकी हुई थी।
अदालत ने कहा कि ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला याचिकाकर्ता और लड़की के बीच आपसी सहमति से शारीरिक संबंध का है और घटना के दौरान लड़के की उम्र 18 और लड़की की 17 साल थी।
वकील ने दिया ये तर्क
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने तर्क दिया कि यह किशोरावस्था के प्रेम प्रसंग का मामला है और लड़की जोकि अब बालिग है, आरोपित को अपना पति मानती है और उसके साथ रहना चाहती है।
निजी मुचलके पर किया रिहा
इस पर पीठ ने 22 महीने से अधिक समय से हिरासत में बंद याचिकाकर्ता को दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का निर्देश दिया। लड़की की मांग की शिकायत पर लड़के के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 (अपहरण के लिए सजा)/366 (अपहरण या महिला को शादी के लिए मजबूर करना, 376 दुष्कर्म और पोक्सो अधिनियम की धारा-छह प्राथमिकी हुई थी।