सशक्त संयुक्त परिवार विषय पर आयोजित की संगोष्ठी, एक दूसरे की एनर्जी को इस्तेमाल करते हुए परिवार को मजबूत बनाएं : नीलम बख्शी, संयुक्त परिवार पर देशभर में बड़े स्तर पर हों सेमिनारें : सतीश गर्ग
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
एकल परिवार में आ रही तरह तरह की परेशानियों से बचने के लिए आदर्श शिक्षण संस्थान ने सशक्त संयुक्त परिवार सुख का आधार विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। इस संगोष्ठी में वक्ताओं ने खुशहाली के लिए संयुक्त परिवार पर जोर दिया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत करने वाली नीलम बख्शी ने सशक्त संयुक्त परिवार पर जोर देते हुए सशक्त परिवार का मतलब मजबूत परिवार नहीं बल्कि एक दूसरे को भावनात्मक रूप से मजबूती देने और एक दूसरे की परवाह करना बताया। उन्होंने बच्चे के जीवन में पिता के योगदान की बात करते हुए बच्चों को पिता के उसके भविष्य बनाने में किये गए त्याग बलिदान को समझते हुए उनको सम्मान देने की बात कही।
उन्होंने ऐसे कई उदाहरण दिए जिसमें माता पिता की बच्चे की परवरिश में उपयोगिता बताई गई है । उन्होंने माता पिता को भी बच्चों की भावनाओं को समझने को कहा। उनका कहना था कि यदि बच्चा माता या पिता से कोई बदतमीजी कर भी देता है तो उसको डांटने या फिर उससे बात करना छोड़ने के बजाय उसकी परेशानी को समझे और दूर करें। उन्होंने बच्चों के हुनर और प्रतिभा को भी समझने की बात कही। नीलम बक्शी ने उपस्थित लोगों का संयुक्त परिवार के प्रति मोटिवेशन भी किया। उन्होंने एक दूसरे की गलती निकालने के बजाय एक दूसरे की अच्छाई को समझने की बात कही।
दिल्ली दर्पण टीवी से बात करते हुए नीलम बख्शी ने हर ख़ुशी अपने परिवार में बताई। उन्होंने कहा कोई भी व्यक्ति अपने आप में परफेक्ट नहीं है। एक दूसरे की एनर्जी का इस्तेमाल करते हुए परिवार को मजबूत बनाएंगे तो खुद मजबूत हो जाएंगे। उन्होंने बड़ों से बच्चों के लिए अपने विचार थोड़े से मॉडर्न करने की भी बात कही। आज के दौर में युवाओं के योगदान में सहयोग करने की बात उन्होंने बड़ों से कही।
संगठन के महामंत्री सतीश गर्ग ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि घर परिवार को समझने के लिए कुछ ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए, जिनमें संयुक्त परिवार पर जोर दिया जाए। इस तरह के कार्यक्रम करने के के लिए घर को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने वाली महिलाओं की भी टीम बनाई गई है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और घर परिवार को जोड़ने के लिए सेमिनारें होती रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके बुजुर्ग उनके लिए बड़े आशीर्वाद छोड़ गए हैं। हमें अपने बच्चों को आगे बढ़ने के लिए ऐसे ही आशीर्वाद देना चाहिए। रविवार की सेमिनार को उन्होंने युवाओं को समर्पित किया।
दिल्ली दर्पण टीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एकल परिवार में बड़ों और बच्चों में संवाद का अभाव देखा जा रहा है। बड़े अपने को सही मानते हैं तो बच्चे अपने को। दोनों में संवाद होना बहुत जरुरी है। इससे दोनों की समस्याएं दूर होंगी। उन्होंने संयुक्त परिवार पर सेमिनारों पर जोर देते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम देश में बढ़ेंगे। उनका कहना था कि जब लोग संयुक्त परिवार में रहेंगे तो वृद्ध आश्रम भी नहीं होंगे। इस अवसर पर सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर उन्हें सम्मानित किया गया।
उन्होंने सनातन धर्म में वृद्ध आश्रम की कोई जगह न होने की भी बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनिल गुप्ता और संचालन सतीश गर्ग ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अध्यक्ष योगेश गर्ग, कोषाध्यक्ष अनिल यादव, महिला समिति की संयोजक नीरा गोयल, उषा गोयल, बबीता गर्ग, विनीता यादव, सुनीता बिंदल, सुमन गर्ग, पारुल गुप्ता, अनिल गुप्ता, अर्चना गर्ग, अध्यक्ष योगेश गर्ग, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दर्शन लाल बजाज आदि गणमान्य लोग मौजूद थे।