दिल्ली दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
Lashkar Proxy TRF: केंद्र सरकार की सख्ती के बाद आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) बौखला गया है। शनिवार (7 जनवरी, 2023) को उसने कश्मीरी पंडितों की नई लिस्ट जारी की है। इस आतंकी संगठन ने उन लोगों पर हमले की चेतावनी दी है, जिनके नाम इस लिस्ट में हैं। बता दें, गृह मंत्रालय के प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद आतंकी संगठन टीआरफ ने लिस्ट जारी की है।
सच्चाई उजागर होने के बाद टीआरएफ खुद को एक स्थानीय आतंकवादी समूह के रूप में पेश करना चाहता है, जबकि वास्तव में यह पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तैयबा की शाखा है। पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) की शाखा टीआरएफ को गुरुवार को गृह मंत्रालय ने प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने, आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ऑनलाइन माध्यम से युवाओं की भर्ती कर रहा है।
TRF साल 2019 में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी के रूप में अस्तित्व में आया
यह संगठन 2019 में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के प्रॉक्सी के रूप में अस्तित्व में आया, जो 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों सहित कई आतंकी गतिविधियों में शामिल था। भारत सरकार के खिलाफ आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए जम्मू और कश्मीर के लोगों को उकसाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह संगठन काफी एक्टिव है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि शेख सज्जाद गुल द रेजिस्टेंस फ्रंट का एक कमांडर है और उसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967 के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है। संगठन की गतिविधियां भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं। द रेजिस्टेंस फ्रंट के सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ भी बड़ी संख्या में मामले दर्ज किए गए हैं। इसकी भारत विरोधी गतिविधियों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने समूह को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है।
सरकार ने मोहम्मद अमीन उर्फ अबू खुबैब को आतंकी घोषित किया है, जो जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखता है, लेकिन वर्तमान में पाकिस्तान में एक आतंकवादी के रूप में रहता है। वह लश्कर-ए-तैयबा के लॉन्चिंग कमांडर के रूप में कार्य कर रहा है।
TRF कश्मीरी पंडितों को कॉलोनियों में न रहने की दे चुका चेतावनी
बता दें, टीआरएफ कश्मीरी पंडितों को जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा बनाए जा रहे कॉलोनियों में न रहने की चेतावनी भी दे चुका है। जानकारी के मुताबिक टीआरएफ ने प्रवासी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ धमकियां जारी करने के अलावा स्थानीय अखबारों के संपादकों सहित स्थानीय पत्रकारों को भी धमकी दी है। टीआरएफ ने हाल ही में श्रीनगर जिले के शिक्षा विभाग के 56 कर्मचारियों को भी धमकी दी थी।