इंडिया टुडे के देश का मिजाज सर्वे में भी बीजेपी का वोटबैंक घटते और कांग्रेस का दिखाया गया है बढ़ते हुए
सी.एस. राजपूत
इंडिया टुडे के देश का मिजाज सर्वे में भले ही फिर से एनडीए की सरकार बनाई दिखाई गई है पर जिस तरह से इस सर्वे में भी बीजेपी का वोटबैंक घटता और कांग्रेस को वोटबैंक बढ़ता दिखाया गया है उसके आधार पर कहा जा सकता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कुछ भी हो सकता है। इस सर्वे में एनडीए 298 सीटें दिखाई गई हैं जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में अकेले बीजेपी का 303 सीटें मिली थी और एनडीए को 353 सीटें। मतलब एनडीए और बीजेपी का ग्राफ गिरा है और आगे भी गिरने की बातें सामने आ रही हैं। ऐसे ही इस सर्वे में यूपीए 153 और अन्य को 92 सीटें दिखाई गई है मतलब यूपीए का ग्राफ गत लोकसभा चुनाव से अच्छा दिखाया गया है और इस ग्राफ के लगातार सुधरने के उम्मीद व्यक्त की जा रही है। जहां तक वोट प्रतिशत की बात है तो एनडीए को 43 फीसदी, यूपीए को 30 तो अन्य को 27 प्रतिशत दिखाया गया है। देखने की बात यह भी है कि अधिकतर सर्वे में बीजेपी की स्थिति ज्यादा बेहतर दिखाई जाती है फिर भी यदि इस सर्वे की भी बात करें तो अंतर कुछ ज्यादा नहीं है।
इस सर्वे में भी कांग्रेस के वोटबैंक में सुधार हुआ है मतलब कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का असर पड़ रहा है। वैसे भी कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के बाद हाथ से हाथ जोड़ो अभियान छेड़ने का ऐलान कर दिया है। अब कांग्रेस के लगातार कार्यक्रम रहेंगे। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद उनकी लोकप्रियता में जो इजाफा हुआ है और डीएमके, शिवसेना, रालोद, सपा के अलावा कई दलों ने जिस तरह से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तारीफ की है। खुद आरएसएस पृष्ठभूमि से निकले राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय भी राहुल गांधी के संघर्ष की तारीफ कर चुके हैं।
ऐसे में राहुल गांधी की अगुआई में देश में विपक्ष की लामबंदी हो सकती है। जहां तक जनता की बात है तो भले ही बीजेपी ने विपक्ष के अधिकतर दलों को लोगों की नजरों में भ्रष्ट दिखा रखा हो पर जनता यह भी भली भांति समझ रही है कि सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी सत्ता हथियाए रखने के लिए ही इन राजनीतिक दलों पर शिकंजा कसे हुए है। इससे देश और समाज का कुछ खास फायदा नहीं हो रहा है। मोदी सरकार ईडी. इनकम टैक्स, सीबीआई का इस्तोमाल इन राजनीतिक दलों को चुप रहने के लिए तो कर रही है पर इनकी राजनीतिक दलों के भ्रष्टाचार का खुलासा किसी नेता की संपत्ति जब्त नहीं कर रही है, जिससे सरकार का राजस्व बढ़े। मतलब साफ है कि विपक्ष को भ्रष्ट दिखाने बीजेपी का मकसद सत्ता हथियाये रखना है। देश बड़े उद्योगपतियों के बढ़ावा देने से छोटे व्यापारियों में आक्रोश देखा जा रहा है। किसान और मजदूरों का आंदोलन तो लगातार चल ही रहा है। नए कृषि कानूनों को वापस लेने के समय किसानों से गए वादे के मुकरने का आरोप संयुक्त किसान मोर्चा ने लगाया है। अब किसान एमएसपी गारंटी कानून की मांग को लेकर आंदोलन पर हैं। बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ी है।
भले ही तृमूकां, आम आदमी पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति तीसरे मोर्चे की कवायद में हों पर आज की परिस्थिति में विपक्ष का मुख्य मकसद बीजेपी को सत्ता से बेदखल करना है। चाहे कांग्रेस की सीटें बढ़ें या फिर क्षेत्रीय दलों की दिक्कत बीजेपी को ही होगी। वैसे भी जदयू जो पहले एनडीए के थी अब विपक्ष के साथ है। यदि 2024 में क्षेत्रीय दलों और कांग्रेस की सीटें मिलाकर एनडीए से ज्यादा हो गई तो बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया जा सकता है। देश में जिस तरह से बेरोजगारी, महंगाई और दूसरे जमीनी मुद्दों को लेकर लोग परेशान हैं। ऐसे में जहां बीजेपी का वोटबैंक लगातार कम हो रहा है वहीं कांग्रेस का वोटबैंक लगातार बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में भी गिरावट आई है। ऐसे में कुछ भी हो सकता है।
दरअसल राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस को लगातार मिल रही सफलता से बीजेपी में बेचैनी है। बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लगातार कई राज्यों का दौरा कर जनता की नब्ज टटोलने में लगे हैं। दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 303 सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए ने 353 सीटें जीती थी, वहीं कांग्रेस को 52 पर दर्ज हुई थी।