दिल्ली नगर निगम में महापौर व उपमहापौर चुनाव के बाद स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव को लेकर सदन में हो रहे हंगामे के बीच देर रात हाथापाई तक की नौबत आ गई। अब तक कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित हो चुकी है।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में महापौर व उपमहापौर चुनाव के बाद स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव को लेकर रात भर हंगामा जारी रहा। हंगामे के कारण कई बार कार्यवाही को स्थगित किया गया। सदन में हाथापाई तक की नौबत आ गई। भाजपा के सदस्यों ने केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, हंगामे के बीच माइक तोड़ दिया गया और पोलिंग बूथ भी गिरा दिया गया।
सदन में सदस्यों के बीच हाथापाई
इससे पहले, देर रात भाजपा और आप पार्षदों के बीच पहले बहस हुई, फिर हाथापाई हुई और मामला एक दूसरे पर जूते चप्पल और बोतलें फेंकने तक पहुंच गया। कुछ देर बाद सदन की बैठक फिर शुरू हुई, लेकिन भारी शोर-शराबे और हंगामे के बीच खबर लिखे जाने तक सदन को नौवीं बार रात 11.42 पर एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।
इसके बाद, देर रात 1.42 पर सदन की बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षदों ने महापौर के आसन के समक्ष नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद बैठक फिर स्थगित कर दी गई। हंगामा बढ़ता देख महापौर ने 11वीं बार रात 1.50 पर सदन को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हुआ चुनाव
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बुधवार शाम तक महापौर और उपमहापौर चुन लिए गए, लेकिन जैसे ही स्थायी समिति के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई सदन में भारी हंगामा शुरू हो गया। लगातार स्थगित और फिर शुरू होते सदन की कार्यवाही के बीच भाजपा और आप पार्षद आमने सामने रहे। तू-तू मैं-मैं से मामला बढ़ता हुआ दोनों दलों के पार्षदों के बीच मार-पिटाई तक पहुंच गया।
स्थायी समिति के चुनाव में देरी पर भाजपा का हंगामा
इस दौरान कुछ पार्षद अपने आप को बचाने के लिए टेबलों के नीचे बैठ गए तो कुछ सदन के गेट के पीछे छिप गए। कई पार्षद चोटिल भी हुए। भाजपा के पार्षद अर्जुन मारवाह ने आरोप लगाया कि आप के पार्षदों ने उनकी पगड़ी पर हमला किया है। उन्होने कहा कि वह अपनी पगड़ी पर हाथ उठाना बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अलग अलग आरोप प्रत्यारोप का दौर करीब दो घंटे तक चला। रात 1:42 पर सदन की बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि भाजपा पार्षदों की माइक बंद कर दी गई। साथ उनकी मांग थी कि स्थायी समिति के लिए शुरू से वोटिंग होनी चाहिए