Saturday, December 28, 2024
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Maharashtra Bypolls : पार्टी के नाम और सिंबल पर चुनाव आयोग के फैसले के बाद  उद्धव ठाकरे को मिलेगी सहानुभूति! महाराष्ट्र की दो विधानसभा सीटों पर मतदान

कस्बापेठ में 270 मतदान केंद्रों पर 1,250 मतदान अधिकारियों और 683 पुलिस बल की तैनाती के साथ मतदान कराया जाएगा। वहीं, चिंचवाड़ में 510 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा, जिसमें 3,000 मतदान अधिकारी और 3,707 पुलिसकर्मी और 725 अधिकारी तैनात रहेंगे।

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

मुंबई । महाराष्ट्र के पुणे जिले की चिंचवाड़ और कस्बापेठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हो रहा है। कस्बा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के हेमंत रसाने और कांग्रेस के रवींद्र धंगेकर के बीच मुकाबला है। वहीं, चिंचवाड़ से भाजपा के अश्विनी जगताप और रांकापा के नाना पटोल मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी के विधायक मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप के निधन के कारण कस्बा और चिंचवाड़ सीटें रिक्त हुई थीं।

उद्धव ठाकरे को मिलेगी सहानुभूति?

चुनाव आयोग (EC) द्वारा शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर चल रही खींचतान में एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद से होने वाले पहले चुनाव, कस्बापेठ और पिंपरी-चिंचवाड़ विधानसभा उपचुनावों पर सबकी नजर है। इस उपचुनाव में न तो शिवसेना और न ही शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) मैदान में है। भाजपा जहां पुणे जिले की दोनों सीटों को बरकरार रखना चाह रही है, वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस भी पिंपरी-चिंचवाड़ और कस्बापेठ पर कब्जा करना चाहती हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे के दोनों महा विकास अघाड़ी (MVA) सहयोगियों के लिए, चुनाव आयोग का आदेश पूर्व मुख्यमंत्री के लिए जनता में पैदा हुई सहानुभूति को वोटों में बदलने का अच्छा मौका है।

चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपने एमवीए सहयोगियों के उम्मीदवारों का समर्थन करने का निर्देश दिया। हालांकि पूर्व सीएम चुनाव अभियान में शामिल नहीं हुए लेकिन उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने पुणे में एक रोड शो किया।

 जनता उन्हें सबक सिखाएगी- शरद पवार

हाल ही में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार दोनों ने चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना की थी। शरद पवार ने बुधवार को पिंपरी-चिंचवाड़ में कहा, “मैंने कभी भी चुनाव आयोग को किसी एक पार्टी का पूर्ण नियंत्रण छीनते नहीं देखा। इस मामले में, मुद्दा यह है कि कौन निर्णय ले रहा है। क्या यह ईसी है? या क्या ऊपर से कोई शक्तिशाली है जो चुनाव आयोग को किसी खास फैसले के लिए मार्गदर्शन कर रहा है? जब भी सत्ता का अधिक दुरुपयोग होगा, लोग सही अवसर मिलने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे। जनता उन्हें सबक सिखाएगी।”अपनी पार्टी के उम्मीदवार नाना काटे के लिए निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करते हुए अजीत पवार ने कहा, “क्या आपने कभी चुनाव आयोग को एक पार्टी से नाम और प्रतीक लेते हुए और दूसरे को देते हुए सुना है? शिवसेना (यूबीटी) अपने गठबंधन सहयोगी के रूप में कांग्रेस और एनसीपी के साथ पार्टी के प्रतीक के रूप में धधकती मशाल के साथ आगे बढ़ेगी।”

चुनाव आयोग के फैसले ने सभी दलों के लिए उपचुनावों को स्थानीय मुद्दों से हटाकर इस मुद्दे को बड़ा बनाने का अवसर दे दिया। पिंपरी-चिंचवाड़ में जहां मतदाताओं के लिए बुनियादी ढांचा और सुविधाएं प्रमुख चिंताएं हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह उपचुनाव अब विचारधारा की लड़ाई है। यह अब स्थानीय मुद्दों तक ही सीमित नहीं है।

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