Thursday, November 7, 2024
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MCD Standing Committee : छह सदस्यों के चुनाव के बिना स्थायी समिति के गठन पर लटकी तलवार


दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के छह सदस्यों के सदन में हुए चुनाव का मामला लटकने की वजह से स्थायी समिति के गठन का मामला लटकता दिख रहा है क्योंकि इन सदस्यों के बिना समिति का गठन नहीं हो सकता है।

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

नई दिल्ली । दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के छह सदस्यों के सदन में हुए चुनाव का मामला लटकने की वजह से स्थायी समिति के गठन का मामला लटकता दिख रहा है, क्योंकि इन सदस्यों के बिना समिति का गठन नहीं हो सकता है। इन सदस्यों के चुनाव पर निर्णय देरी से होता है तो वार्ड कमेटी का चुनाव होगा या नहीं इस पर ही संशय है।

निगम एक्ट में ऐसी परिस्थितियों का जिक्र नहीं है, ऐसे में प्रशासन के किसी भी निर्णय पर सत्तापक्ष और विपक्ष में टकराव की स्थिति उत्पन्न होना तय है। प्रक्रिया के तहत सबसे पहले निगम की पहली बैठक में ही महापौर व उप महापौर का चुनाव के साथ स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव होता है।


इसके बाद निगमायुक्त सदन का धन्यवाद करते हैं और फिर बैठक स्थगित कर दी जाती है। इसके बाद एक दूसरी सदन की बैठक बुलाई जाती है। इसमें वार्ड कमेटी के सदस्यों के चुनाव की मंजूरी दी जाती है। इस बैठक के मिनट्स आफ मीटिंग कन्फर्म होने के बाद निगम सचिव कार्यालय वार्ड कमेटियों के चुनाव का शैड्यूल जारी करता है।

इसमें चुनाव की तारीख से लेकर वार्ड कमेटी के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के चुनाव के साथ स्थायी समिति के एक-एक सदस्य का चुनाव भी प्रत्येक वार्ड कमेटी से होने की बात होती है। इसी शैड्यूल पर नामांकन मंगाए जाते हैं। इसके बाद वार्ड कमेटियों का चुनाव होता है।


इस चुनाव की प्रक्रिया के बाद महापौर स्थायी समिति के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के चुनाव की मंजूरी देगी। इसके बाद निगम सचिव स्थायी समिति के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के चुनाव के लिए शैड्यूल जारी करते हैं। इसमें एक तय तारीख तक नामांकन मंगाए जाते हैं और एक निर्धारित तिथि पर यह चुनाव होते हैं।

वार्ड कमेटी में निगम सचिव और जोनल उपायुक्त होते हैं अधिकारी

निगम सदन की बैठक महापौर की अध्यक्षता में होती है और साथ में निगम सचिव व निगमायुक्त मौजूद रहते हैं। वार्ड समिति की पहली बैठक में निगम सचिव के साथ क्षेत्रीय उपायुक्त मौजूद रहते हैं और चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराई जाती है।

वार्ड कमेटी के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्ति का अधिकार

महापौर के पासजिस प्रकार निगम सदन की पहली बैठक के उपराज्यपाल पीठासीन अधिकारी नियुक्त करते हैं ऐसे में वार्ड कमेटी में पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार महापौर के पास होता है। वह 12 वार्ड कमेटियों में एक-एक पीठासीन अधिकारी उसी वार्ड कमेटी के किसी सदस्यों को करता है। जिसकी अध्यक्षता में पूरा चुनाव होता है।


चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के साथ स्थायी समिति के लिए एक सदस्य का होता है चुनाव

वार्ड कमेटी में चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन चुनने के लिए वोट कर सकते हैं एल्डरमैन

12 वार्ड कमेटी और 6 सदन से स्थायी समिति के सदस्य चुने जाने के बाद होता है स्थायी समिति के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन का चुनाव

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