Friday, November 8, 2024
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Manish Sisodia Arrest : प्रधानमंत्री को विपक्ष के नेताओं का निरंकुशता को लेकर पत्र लिखने का क्या मतलब ? 

कहीं गिरफ्तारी से तो नहीं डरे हुए हैं विपक्ष के ये नेता ? कोर्ट का रास्ता क्यों नहीं अपनाया केजरीवाल ने ? 

सी.एस. राजपूत   

शराब घोटाले मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के 9 नेताओं ने लोकतान्त्रिक देश में निरंकुशता की बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है।  इस पत्र में यह लिखा है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी यह दिखाती है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश से निरंकुशता में तब्दील हो गया है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि अरविन्द केजरीवाल तो न्यायपालिका पर बहुत विश्वास करते हैं।

दिल्ली मेयर चुनाव में भी 10 एल्डर सदस्यों की नियुक्ति को उन्होंने एलजी वीके सक्सेना को कटघरे में खड़ा करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।  मनीष सिसोदिया मामले में तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कोई राहत नहीं दी है। ऐसे में प्रधानमंत्री को देश में निरंकुशता की बात को लेकर पत्र लिखने का क्या औचित्य है। आखिर आज की तारीख में किसमें दम है कि प्रधानमंत्री की सहमति बिना कुछ कर दे। वैसे तो आज की तारीख में मनीष सिसोदिया को पाक साफ नहीं कहा जा सकता है पर यदि निरंकुशता बरती भी जा रही है तो फिर कौन बरत रहा है ? देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाये रखने की जिम्मेदारी तो सबसे अधिक प्रधानमंत्री की ही है। ये सब नेता यदि मिलकर जंतर मंतर या फिर कहीं और आंदोलन करते तो समझ में आता। पत्र लिखने से क्या होगा ? वैसे भी ये जितने भी विपक्ष के नेता हैं जनहित के मुद्दे पर तो कोई बड़ा आंदोलन कर नहीं रहे हैं। वैसे भी मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी गैर क़ानूनी रूप से से हुई है तो फिर  कोर्ट सबसे अच्छा रास्ता है। ऐसे में प्रश्न यह भी उठता है कि क्या गिरफ्तारी बस मनीष सिसोदिया की ही हुई है क्या ? कहीं ऐसा तो नहीं है कि ये नौ नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से अलग तीसरे मोर्चे की कवायद में लगे हों। 

दरअसल इन विपक्षी नेताओं ने पीएम को पत्र लिखकर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। इसी बीच आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने ट्विटर पर लिखा कि भाजपा सरकार द्वारा सीबीआई-ईडी का दुरुपयोग कर विपक्ष को कुचलने का प्रयास हो रहे है। पीएम को भेजे पत्र को लेकर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने तो मनीष सिसोदिया की तुलना कलाब से ही कर दी है। उनका कहना है कि ऐसे ही कुछ नेताओं ने कसाब को बचाने के लिए पत्र लिखा था। दरअसल इन 9 बड़े विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिख मनीष सिसोदिया जी की गिरफ़्तारी ख़िलाफ़ अपना विरोध दर्ज कराया हैं, कहीं ऐसा तो नहीं है कि आने वाले समय में इन सभी नेताओं का नंबर आ रहा हो। इसलिए ये सब माहौल बना रहे हों। 
पीएम को भेजे पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अशोक पंडित ने लिखा है कि ‘ठीक इसी तरह देश के बुद्धिजीवियों ने, नेताओं ने ,अर्बन नक्सलियों ने और कई पत्रकारों ने अजमल कसाब और याकूब मेमन जैसे कुख्यात आतंकवादिओं को फांसी नहीं देने के लिए पत्र लिखा था। अब शराब माफिया को बचाने के लिए लिख रहे हैं। इस डर से की कहीं इनका भी नंबर ना लग जाए।’

किस-किस ने लिखी पीएम को चिट्ठी

दरअसल पीएम को पत्र लिखने वालों में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, BRS चीफ के चंद्रशेखर राव, पंजाब के CM भगवंत मान, राजद नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारूक अब्दुल्ला, राकांपा चीफ शरद पवार, शिवसेना ठाकरे ग्रुप के चीफ उद्धव ठाकरे, सपा चीफ अखिलेश यादव हैं।  दरअसल शिक्षा विभाग सहित दिल्ली सरकार में 18 विभाग संभाल रहे मनीष सिसोदिया को कथत शराब घोटाले के मामने में 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया ने इस्तीफा दे दिया था।

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