LG और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जंग किसी से छिपी नहीं। अब एलजी ऑफिस ने सौरभ भारद्वाज की यमुना सफाई पर टिप्पणी को लेकर उनपर निशाना साधा है और अधिकारी ने अपने बयान में कहा है कि दिल्ली सरकार ने कोई काम नहीं किया।
नई दिल्ली । एलजी कार्यालय के अधिकारियों ने यमुना नदी की सफाई पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज की टिप्पणी की निंदा की है। एलजी कार्यालय ने कहा कि दिल्ली सरकार की निष्क्रियता के बाद ही एनजीटी ने एलजी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था।
हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज द्वारा ने कहा था कि दिल्ली के एलजी को अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा किए गए कार्यों के लिए “क्रेडिट लेने” से पहले कोई ऐसी परियोजना के बारे में बताना चाहिए जो उन्होंने शुरू की हो। उनके इस बयान पर अपने एलजी के अधिकारी ने प्रतिक्रिया देते हुए बयान दिया है।
सौरभ भारद्वाज का बयान जनविरोधी है: LG ऑफिस अधिकारी
एलजी हाउस के अधिकारियों ने कहा, ‘मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा जारी किया गया बयान काफी निंदनीय, खुद को धोखा देने वाला, हास्यास्पद और जनविरोधी विरोधी है।
विज्ञापन जारी करने और बैनर फहराने के अलावा अगर दिल्ली सरकार ने पिछले आठ वर्षों के दौरान यमुना की सफाई के संबंध में एक भी ठोस काम किया होता तो एनजीटी दिल्ली सरकार को इस मोर्चे पर निष्क्रियता के लिए फटकार नहीं लगाता और एक आयोग का गठन नहीं करता। विशेष उच्च स्तरीय समिति और एलजी से इसकी अध्यक्षता करने का अनुरोध किया था।
NGT ने दिया था समिति गठन करने का आदेश
अधिकारियों ने 9 जनवरी, 2023 के एनजीटी के आदेश का हवाला देते हुए कहा, जिसमें एनजीटी ने देखा था कि यमुना नदी की सफाई के संबंध में स्थिति “असंतोषजनक” बनी हुई है और एक उच्च स्तरीय समिति के गठन का आदेश दिया था।
एनजीटी बेंच ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले और इस ट्रिब्यूनल के आदेशों का उल्लंघन करते हुए स्थिति काफी हद तक असंतोषजनक बनी हुई है। बिना जवाबदेही के सख्त समयसीमा तय की जा रही है जो मनमाने ढंग से अवहेलना की जा रही है और जमीनी स्थिति में कोई भी सुधार नहीं दिख रहा है।
इसमें कहा गया है, “हम दिल्ली में संबंधित अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय समिति (एचएलसी) का गठन करते हैं, जहां यमुना का प्रदूषण अन्य नदी घाटियों वाले राज्यों की तुलना में अधिक (लगभग 75 प्रतिशत) है।
हम अनुरोध करते हैं कि दिल्ली के उपराज्यपाल जो डीडीए के अध्यक्ष हैं और संविधान के अनुच्छेद 239 के तहत दिल्ली के प्रशासक हैं। वह इस समिति का दायित्व संभाले।
अधिकारियों ने दिल्ली सरकार पर एनजीटी की टिप्पणियों का हवाला दिया और इसे दिल्ली जल बोर्ड अपने तय किए हुए मानकों पर बुरी तरह से नाकाम साबित हुआ है।
कीचड़ न उछालें मंत्री: LG हाउस अधिकारी
अधिकारी ने भारद्वाज को खासकर ऐसे वक्त में “अनावश्यक कीचड़ उछालने” से बचने के लिए भी कहा है जब उनकी सरकार की ओर से आठ सालों बाद भी इस मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया।
भारद्वाज की टिप्पणी समयबद्ध तरीके से यमुना नदी को साफ करने के उपराज्यपाल के दावे के जवाब में आई थी।
आप नेता ने इस बात पर जोर दिया था कि मुख्यमंत्री द्वारा नवंबर 2021 में घोषित व्यापक छह सूत्रीय कार्य योजना के अनुसार यमुना की सफाई के प्रयासों में की गई सभी प्रगति को निष्पादित किया गया है।