अरविंद केजरीवाल किसी और नेता पर नहीं करेंगे विश्वास
चरण सिंह राजपूत
केंद्र सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल भेजने की पूरी तैयारी कर ली है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि केजरीवाल जेल चले जाते हैं तो फिर दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन बनेगा ? आम आदमी पार्टी को जिस तरह से वन मैन पार्टी कहा जाता है और केजरीवाल के सबसे विश्वसनीय माने जाने वाले मनीष सिसोदिया जेल में हैं ऐसे में आम आदमी पार्टी की मुख्यमंत्री उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल हो सकती हैं। राष्ट्रीय संयोजक वह जेल से ही बने रहेंगे।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि सुनीता केजरीवाल के पास तो कोई राजनीतिक अनुभव है नहीं तो हमें बिहार की ओर रुख करना पड़ेगा। लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद भी तो उन्होंने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाया था। वैसे भी दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह विधूड़ी ने दिल्ली दर्पण टीवी से बातचीत करते हुए अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी को तय बताया है। दरअसल बीजेपी जानती है कि केजरीवाल को जेल में डाले बिना दिल्ली पर राज नहीं किया जा सकता है और केंद्र में सत्ता के साथ ही दिल्ली पर भी कब्ज़ा होना बहुत जरूरी है। बीजेपी नेताओं को परेशान करने के लिए केजरीवाल दिल्ली में कुछ भी कर सकते हैं।
दरअसल यदि केजरीवाल जेल में जाते हैं तो बीजेपी इतनी जल्दी बाहर नहीं आने देगी। ऐसे में वह नहीं चाहेंगे कि दिल्ली की पावर किसी दूसरे नेता के हाथों में जाये। क्योंकि दिल्ली की पावर जाने का मतलब आम आदमी पार्टी का चले जाना है। वैसे भी मनीष सिसोदिया का उदाहरण सामने है। मनीष सिसोदिया का मंत्रालय आतिशी के हाथों में आते ही उन्होंने पूरे मंत्रालय पर कब्ज़ा कर लिया है।
जमीनी हकीकत यह भी है कि केजरीवाल के गिरफ्तार होने पर आप के वजूद पर ही खतरा पैदा हो जाएगा। चाहे सुनीता केजरीवाल हों या फिर संजय सिंह और आतिशी और राघव चड्ढा इन लोगों के बस की बात पार्टी को चलाना नहीं है। क्योंकि पार्टी सारी रणनीति केजरीवाल ही बनाते हैं। दरअसल अरविन्द केजरीवाल की तरह सहनशील और मामले को मैनेज करने वाला तथा शातिर नेता आम आदमी पार्टी में कोई दूसरा नहीं है। वैसे भी केजरीवाल के बाद संजय सिंह और राघव चड्ढा का नंबर है।