मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक डॉ. ईश्वर वी. बसवरड्डि ने कहा – योग दिवस में इतिहास रचने जा रहे हैं इस बार
मध्य प्रदेश के जबलपुर में होगा इस बार का अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस
प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से 21 जून 2015 से शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
संतोष कुमार
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक डॉ. ईश्वर वी. बसवरड्डि ने कहा है कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी जोर शोर से चल रही है। इस बार 9वां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मध्य प्रदेश के जबलपुर में होने वाला है। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की छोटी-छोटी चीजों पर भी हमारी पैनी नज़र है। इसके लिये हम मध्य प्रदेश के आयुष मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में हैं। 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को सफल बनाने के लिए हमारी पूरी टीम मिशन स्तर पर काम कर रही है। इस दिशा में आयुष मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग सराहनीय है, जिनके मार्गदर्शन में हम एक नया इतिहास लिखने की तैयारी में हैं। दरअसल डॉ. ईश्वर वी. बसवरड्डि एक कुशल योग वैज्ञानिक, दार्शनिक और योग के क्षेत्र में 35 वर्षो से अधिक वर्ष का शिक्षण, अनुसंधान का अनुभव के साथ एक प्रसिद्ध योग मास्टर भी हैं। डॉ. बसवरड्डि को कॉमन योग प्रोटोकॉल को विकसित करने का श्रेय भी जाता है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रचार- प्रसार पर डॉ. बसवरड्डि जी कहते है कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस एक महापर्व है। इसमें ना सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करनी है। आधुनिक दुनिया में योग हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बनकर उभरा है। अगर आप रोज योग का अभ्यास करते हैं, तो योग जीरो बजट में आपको जिंदगी भर का हेल्थ इंश्योरेंस देने का वादा करता है।
विषम परिस्थियों में योग की उपयोगिता के सवाल पर एमडीएनआईवाई, निदेशक बताते हैं कि आज आप अपने आसपास नजर उठाकर देखिए तो आप पाएंगे कि हर दूसरा आदमी किसी न किसी टेंशन में है। ये टेंशन घर-परिवार, कारोबार- नौकरी, रिलेशनशिप, सेहत या किसी भी चीज से जुड़ी हुई हो सकती है।
ऐसी ही विषम परिस्थितियों में योग की सर्वाधिक जरूरत पड़ती है। तनाव में योग करने से सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम को राहत मिलती है, जो बेचैनी को कम करती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि नियमित योग करने से तनाव कम होने के साथ-साथ एकाग्रता भी बढ़ती है। वास्तव में देखा जाय तो विषम परिस्थितियों में ही योग की सर्वाधिक आवश्यकता पड़ती है। योग हमें निराशा से निकालकर आशा की ओर अग्रसर करता है। कहा जाता है कि योग में मुरझाये मन को हरा-भरा करने की असीम शक्ति होती है।
संक्षेप में कहें तो योग कोई चमत्कार नहीं है, बल्कि यह कला है, विज्ञान है, जिससे हमारा जीवन व्यवस्थित होता है। तो आइए, 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर देश और दुनियाँ के विकास में अपना योगदान दें।
दरअसल 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस महापर्व में कुछ ही दिन शेष बचे हैं। 21 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भागीरथी प्रयास से हुई थी। पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। तब से लगातार पूरा विश्व प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाता आ रहा है।