तो पहलवानों को खिला रही है केंद्र सरकार एशियाई खेलों के लिए ट्रायल में छूट के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले योगेश्वर दत्त को विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया से माफ़ी क्यों मांगनी पड़ी ? क्या यह माफ़ी योगेश्वर दत्त ने नैतिकता के आधार पर मांगी है ? क्या यह माफ़ी योगेश्वर दत्त के कोच के अनुरोध के बाद उनके अंदर हुई शर्मिंदगी के चलते मांगी गई है ? या फिर यह माफ़ी केंद्र सरकार के दबाव में मांगी गई है ?
दरअसल योगेश्वर दत्त के ट्रायल छूट मामले में मोर्चा खोलने और दूसरे पहलवानों से इसका विरोध करने के आह्वान के बाद दिल्ली जंतर मंतर पर नए पहलवानों के आंदोलन की भूमिका बनने लगी थी। गृह मंत्री अमित शाह को लगा कि बड़ी मुश्किल से मामले को मैनेज किया गया था। बड़ी मुश्किल से विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया को मनाया गया था पर योगेश्वर दत्त सारा क सारा खेल बिगाड़ दे रहा है। योगेश्वर दत्त के मोर्चा खोलने से जहां एक और ये पहलवान नाराज हो रहे हैं वहीँ दूसरी ओर सरकार के खिलाफ एक और आंदोलन तैयार हो रहा है। इसका मतलब है कि आनन फानन में योगेश्वर दत्त से माफ़ी मांगने के लिए कह दिया गया और योगेश्वर दत्त ने माफ़ी मान ली।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या विनेश फोगाट,साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया पर केंद्र सरकार ऐसे ही मेहरबान रहेगी ? क्या इन पहलवानों के आंदोलन का इतना दबाव केंद्र पर पड़ गया है कि इन लोगों पर पूरी तरह से मेहरबान हुआ जा रहा है। ऐसा नहीं है। आंदोलन का दबाव खत्म होते ही बीजेपी अपना रंग दिखाना शुरू कर देगी।