नाबालिग पहलवान के बयान बदलने और आंदोलित पहलवान विनेश फौगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के गृह मंत्री अमित शाह से मिलने से भी कम हुआ है दबाव
चरण सिंह राजपूत
तो क्या गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी सांसद और कुश्ती फेडरेशन के निर्वतमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण की गिरफ्तारी रोकने की पूरी व्यवस्था कर दी है। जिस तरह से नाबालिग पहलवान ने पटियाला हाउस कोर्ट में अपने बयान बदल दिए हैं। जिस तरह से अमित शाह से आंदोलित पहलवान मिले हैं। उससे तो यही लग रहा है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या जो पहलवान अमित शाह के इशारे पर उनका आंदोलन कुचलने का आरोप लगा रहे थे। जिन पहलवानों के पक्ष में खाप पंचायतों के साथ ही विपक्ष के सभी दल उनके पक्ष में खड़े हो गए थे। तब जाकर केंद्र सरकार दबाव में आई थी। खुद आरएसएस भी मामले को निपटाने में सक्रिय हो गया है। तो क्या खाप पंचायतों के 9 जून के अल्टीमेटम को अमित शाह ने काफी हद तक खत्म का दिया है।
दरअसल नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट ही थी जिसके चलते बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी हो सकती थी। इस पहलवान के बयान बदलने के बाद अब काफी हद तक गिरफ्तारी की तलवार हट चुकी है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जो खाप पंचायतें इन पहलवानों की लड़ाई लड़ने के लिए आगे आई थीं वे क्या करेंगी ? क्या इस मुद्दे पर अब शामली में 11 जून को पंचायत होगी ? क्या हरिद्वार में पंचायत होगी ? क्या नौ जून के बाद देश में खाप पंचायतें और किसान संगठन बड़ा आंदोलन करेंगे ?
दरअसल अमित शाह को बृजभूषण शरण का मामला निपटाने का फरमान अमित शाह को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सुनाया है। मोहन भागवत पर आरएसएस कैडर का लगातार फीडबैक आ रहा था कि इस आंदोलन के लम्बा खिंचने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान का वोटबैंक प्रभावित हो रहा है। फीडबैक में 2024 का लोकसभा चुनाव भी प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में मोहन भागवत ने अमित शाह को मामले को जल्द निपटाने को कहा है।
उधर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृजभूषण शरण सिंह की 5 जून की संतों की रैली रद्द कर अपना संदेश दे दिया है कि उत्तर प्रदेश में बृजभूषण शरण सिंह की नौटंकी नहीं चलनी वाली है।