अदालत की सुरक्षा पर उंगली उठा रही तीस हजारी के वकीलों में हुई फायरिंग
चरण सिंह राजपूत
बुधवार दोपहर देश की राजधानी दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में गोलीबारी की घटना सामने आई है। गोलीबारी करने वाले कोई बदमाश या फिर किसी बदमाश के पैरोकार या फिर दुश्मन नहीं थे बल्कि वे वकील थे जो लोगों को न्याय दिलाने की बात करते हुए अदालत में बैठते हैं। पुलिस के अनुसार यह फायरिंग वकीलों के बीच हुई बहस में हुई है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जो लोग खुद अदालत में झगड़ा कर रहे हैं, फायरिंग कर रहे हैं, वे लोगों को न्याय क्या खाक दिलाएंगे ?
दरअसल बुधवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे तीस हजारी कोर्ट में फायरिंग इस घटना के बाद जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो पता चला कि वकीलों की आपस में बहस हुई है। इसके बाद दो अलग-अलग गुटों ने कथित तौर पर हवा में गोलीबारी की थी। घटना में किसी को भी नुकसान नहीं हुआ है। इस समय स्थिति सामान्य है।
पहले भी हो चुकी हैं कई घटनाएं
ऐसा नहीं है कि बस तीस हजारी कोर्ट में यह पहली घटना है। इससे पहले भी दिल्ली की कोर्ट में इस तरह की फायरिंग की घटनाएं सामने आती रही हैं। अप्रैल महीने में भी साकेत कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बावजूद एक शख्स ने महिला पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं। तब भी कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हुए थे। तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के बीच फायरिंग करने वाले वकील का नाम मनीष शर्मा है जो कि दिल्ली बार एसोसिएशन का वाइस प्रेसिडेंट हैं। पहले भी गोली चलाने के मामले को लेकर इन पर एफआईआर दर्ज है। दो बार यह चुनाव जीत चुका।
अदालत वह जगह है जहां पर लोग न्याय मांगने आते हैं। यह माना जाता है कि अदालत में कानून के रखवाले बैठते हैं। कानून को न मानने वालों को जेल की सलाखों के बीच पहुंचाने का दंभ जो भरते हैं वे वकील होते हैं। ये वकील अदालत में केस लड़ते हुए भी कानून की दुहाई देते देखे जाते हैं। जब वकील ही कानून को हाथ में ले लें तो फिर इन लोगों से क्या न्याय दिलाने की उम्मीद की जा सकती है। जी आज की तारीख में वकील ही कानून को हाथ में लिए देखे जा रहे हैं वह भी कानून के घर कोर्ट में।
बुधवार दोपहर देश की राजधानी दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में गोलीबारी की घटना सामने आई है। गोलीबारी करने वाले कोई बदमाश या फिर किसी बदमाश के पैरोकार या फिर दुश्मन नहीं थे बल्कि वे वकील थे जो लोगों को न्याय दिलाने की बात करते हुए अदालत में बैठते हैं। पुलिस के अनुसार यह फायरिंग वकीलों के बीच हुई बहस में हुई है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जो लोग खुद अदालत में झगड़ा कर रहे हैं, फायरिंग कर रहे हैं, वे लोगों को न्याय क्या खाक दिलाएंगे ?
दरअसल बुधवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे तीस हजारी कोर्ट में फायरिंग इस घटना के बाद जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो पता चला कि वकीलों की आपस में बहस हुई है। इसके बाद दो अलग-अलग गुटों ने कथित तौर पर हवा में गोलीबारी की थी। घटना में किसी को भी नुकसान नहीं हुआ है। इस समय स्थिति सामान्य है।
पहले भी हो चुकी हैं कई घटनाएं
ऐसा नहीं है कि बस तीस हजारी कोर्ट में यह पहली घटना है। इससे पहले भी दिल्ली की कोर्ट में इस तरह की फायरिंग की घटनाएं सामने आती रही हैं। अप्रैल महीने में भी साकेत कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बावजूद एक शख्स ने महिला पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं। तब भी कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हुए थे। तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के बीच फायरिंग करने वाले वकील का नाम मनीष शर्मा है जो कि दिल्ली बार एसोसिएशन का वाइस प्रेसिडेंट हैं। पहले भी गोली चलाने के मामले को लेकर इन पर एफआईआर दर्ज है। दो बार यह चुनाव जीत चुका।