Delhi: 17वें सहकारिता महा सम्मेलन को PM ने किया संबोधित।
नई दिल्ली । दिल्ली में शनिवार को 17वीं भारतीय सहकारी महासम्मेलन का आयोजन किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने शिरकत की है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने आयोजन में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा- आप सभी को 17वें भारतीय सहकारी महा सम्मेलन की बहुत-बहुत बधाई। मैं इस सम्मेलन में आपका स्वागत और अभिनंदन करता हूं। आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है और मैंने लाल किले से कहा है कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबका प्रयास आवश्यक है।
पीएम ने आगे कहा- जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई, तो हमनें सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया। हमने पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट का प्रावधान किया।
सालों से लंबित थे सहकारिया के कई मुद्दे: पीएम मोदी
सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है। हमारी सरकार ने सहकारी बैंकों को भी मजबूती दी है, लेकिन पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है। आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है। कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्जी लाभार्थी नहीं।
2014 से पहले नहीं मिलती थी मदद : प्रधानमंत्री
2014 से पहले अक्सर किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी बहुत मिलती भी थी, वो बिचौलियों के खातों में चली जाती थी। सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे और मध्यम किसान वंचित ही रहते थे।
बीते 4 वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे गए हैं। ये रकम कितनी बड़ी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 2014 से पहले के 5 वर्षों का कुल कृषि बजट ही मिलाकर 90 हजार करोड़ रुपये से कम था।
दुनिया में निरंतर महंगी होती खादों और केमिकल का बोझ किसानों पर न पड़े, इसकी भी गारंटी केंद्र की भाजपा सरकार ने आपको दी है। आखिरकार गारंटी क्या होती है, किसान के जीवन को बदलने के लिए कितना महा भगीरथ प्रयास जरूरी है। कुल मिलाकर अगर देखें तो सिर्फ फर्टिलाइजर सब्सिडी पर भाजपा सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।