Vande Bharat Trains बता दें कि दिल्ली सरकार की ओर से परियोजना के निर्माण के लिए भूमि खाली करने के लिए पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण करने की अनुमति दी गई है। ये नया ट्रेन शेड शकूरबस्ती में बनेगा। इसके लिए 70 पेड़ों को प्रत्यारोपित किया जाएगा और 8 पेड़ों को साइट से हटाया जाएगा। इसके बदले में 780 पौधे लगाए जाएंगे।
नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वंदे भारत ट्रेनों के लिए नए रखरखाव शेड के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली सरकार ने सोमवार को राष्ट्रीय हित में इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।
कहां बनेगा नया ट्रेन शेड?
बता दें कि दिल्ली सरकार की ओर से परियोजना के निर्माण के लिए भूमि खाली करने के लिए पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण करने की अनुमति दी गई है।
ये नया ट्रेन शेड शकूरबस्ती में बनेगा। इसके लिए 70 पेड़ों को प्रत्यारोपित किया जाएगा और 8 पेड़ों को साइट से हटाया जाएगा। इसके बदले में 780 पौधे लगाए जाएंगे।
रेलवे ने दिया था प्रस्ताव
दरअसल, रेलवे ने शकूरबस्ती में एक नए मेंटेनेंस ट्रेन शेड के निर्माण का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, पेड़ों के एक पैच की वजह से साइट के निर्माण कार्य में बाधा पैदा हो रही है। इसके चलते रेलवे ने अधिकारियों के माध्यम से दिल्ली सरकार के पर्यावरण और वन विभाग को एक प्रस्ताव बनाकर दिया था।
इसके जरिए साइट को खाली करने के लिए 8 पेड़ों को हटाने और 70 पेड़ों के ट्रांसप्लांट करने की मंजूरी मांगी गई थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रेलवे के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे के महत्व को देखते हुए राष्ट्रीय हित में पेड़ों के पैच को साफ करके काम में तेजी लाने के लिए अपनी सहमति दी है।
भरपाई के लिए होगा 10 गुना पौधारोपण
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रेलवे को आधुनिक बुनियादी ढांचे की सख्त जरूरत है। इस मंजूरी से देश को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। इसके अलावा हम सक्रिय रूप से यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आधुनिक विकास का दिल्ली पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े और प्रभावित होने वाले किसी भी पेड़ की भरपाई के लिए 10 गुना पौधारोपण अनिवार्य किया गया है।
प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए सीएम ने कहा कि इस प्रस्ताव को एलजी के समक्ष रखा जाएगा। दिल्ली सरकार ने कहा है कि चिन्हित परियोजना स्थल के पास ही प्रत्यारोपण किया जाएगा।
दिल्ली सरकार की ओर से साइट पर अप्रूव किए गए और चिंहित पेड़ों के अलावा रेलवे एक भी अन्य पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। अगर रेलवे द्वारा अप्रूव किए गए पेड़ों के अलावा किसी भी पेड़ को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा।