दिग्विजय सिंह ने जंतर मंतर पहुंच कांग्रेस शासित प्रदेशों में भुगतान कराने का किया वादा
मदन लाल आज़ाद की टीम के साथ ही अभय देव शुक्ल की टीम ने जंतर मंतर पर बना दिया पूरा माहौल
चरण सिंह राजपूत
नई दिल्ली। जंतर मंतर पर हुए निवेशकों के आंदोलन में जहां ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा और ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार की जुगलबंदी दिखाई दी वहीँ दूसरे संगठनों ने भी आंदोलन में जान झोंक दी। प्रोटेस्ट में जप तप के राष्ट्रीय संयोजक मदन लाल आज़ाद का पूरा जलवा दिखाई दिया। निवेशकों की नजरों में मदनलाल आज़ाद एक तपस्वी दिखाई दिए। आंदोलन में प्रमुख रूप से यह बात देखने को मिली कि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री और महामंत्री दिग्विजय सिंह भी पहुंचे। उन्होंने मंच से ठगी कंपनियों पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस शासित प्रदेशों में वह निवेशकों का पैसा दिलाएंगे। हालांकि गत दिनों जब सहारा के निवेशक दिग्विजय सिंह से मिले थे तो उन्होंने मामले को कोर्ट में होने का हवाला देते हुए टरका दिया था।
आंदोलन में मदन लाल आज़ाद ने कहा कि सरकार को निवेशकों का पैसा दिलवाना ही होगा। यदि निवेशकों का पैसा नहीं मिलता है तो फिर मोदी सरकार को उखाड़ फेंका जाएगा। देश में एक जनता की सरकार स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में 50 करोड़ ठगी पीड़ित हैं। जिस दिन ये पीड़ित खड़े हो गए और चाह लिया उस दिन जिसकी सरकार चाहेंगे बना देंगे और जिसकी सरकार चाहेंगे उखाड़ फेंकेंगे।
ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ला ने कहा कि अमित शाह ने ये जो सहारा निवेशकों को चुनावी लॉलीपॉप पकड़ाया है यह सब सुब्रत रॉय को बचाने के लिए किया गया है। 3 लाख करोड़ से ऊपर का भुगतान सहारा निवेशकों का है। 10000 रुपए से क्या होगा ? वैसे भी जिस तरह की शर्तें सीआरसी ने रख दी हैं। उससे नहीं लग रहा है कि किसी सहारा निवेशकों को ुउसका पूरा पैसा मिलने जा रहा है। आंदोलन में वक्ताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। हालांकि संसद के घेराव का कार्यक्रम एन वक्त पर रद्द करना पड़ा।
दरअसल मदन लाल आज़ाद को ऐसा महसूस होने लगा था कि संसद घेराव कार्यक्रम से माहौल बिगड़ सकता है। हालांकि अभय देव की टीम संसद का घेराव करना चाहती थी। अभय देव शुक्ल, नीरज शर्मा, वीरेंद्र सोलंकी और मोहित कुमार ने संसद घेराव के लिए काफी प्रयास किया। इस अवसर जप तप के राष्ट्रीय महासचिव रमेश सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजदीन विश्वकर्मा, बृजमोहन योगी और दूसरे पदाधिकारियों के साथ ही निवेशक मौजूद थे।