पीड़िता के पिता का दोस्त, मां का मुंह बोला भाई बना घूम रहा था यह महिला एवं बाल विकास विभाग का यह अधिकारी
पिता के निधन पर सहानुभूति दिखाकर लाया था अपने घर, संरक्षण देने के बजाय बनाने लगा हवस का शिकार
पिता का साया उठने के बाद बच्चों के लिए क्यों भेड़िया हो जाता है समाज
चरण सिंह राजपूत
मामला इतना घिनौना है कि कई कई रिश्तो और मानवता को तार तार कर दे रहा है। दिल्ली में जिस अधिकारी को दिल्ली महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक का पद देकर महिलाओं और बच्चों के विकास की जिम्मेदारी दी गई वह रिश्तों की आड़ में दरिंदगी करने लगा। जिस व्यक्ति को महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाली दरिंदगी के खिलाफ लड़ना चाहिए था, वह व्यक्ति अपने दोस्त की मौत के बाद उनकी बेटी को संरक्षण देने के बजाय उसको अपनी हवस का शिकार बनाने लगा। इस अधिकारी ने एक नहीं तीन रिश्ते कलंकित किये हैं। ड्यूटी और रिश्ते इंसानियत के और काम हैवानियत के।
इस दरिंदे ने जिस नाबालिग लड़की से बार रेप किया। उसे प्रेग्नेंट किया। उसके पिता को इनसे दोस्त और मां को मां मुंह बोली बहन बना रखा था। मतलब यह नाबालिग लड़की इसकी भांजी हुई। इसकी दरिंदगी इसलिए भी और बड़ी है क्योंकि यह लड़की के पिता की मृत्यु के बाद डिप्रेशन में चली गई थी। इस लड़की को सहारा देने देने का बहाना बनाकर यह अपने घर लाया था। संरक्षण की जगह इसके साथ करने लगा दरिंदगी। इस लड़की की मां ने भी शायद इसलिए बेटी को इस दरिंदे के पास भेज दिया होगा क्योंकि यह इसे अपनी भांजी मानता था।
इस परिवार पर कोरोना का कहर तो टुटा ही पर इस दरिंदे ने जो किया उससे तो मां बेटी को जीते जी ही मार दिया। किसी परिवार को ज्यादा परेशानी पड़ती है तो हम कह देते हैं कि भगवान कुछ ज्यादा ही परीक्षा ले रहा है। पर इस नाबालिग लड़की और इसकी मां को परेशानी किसने दी ? भगवान ने या फिर आदमी ने ? दरअसल कोरोना काल से कितने घर बर्बाद हुए कितने लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई। एक यह परिवार भी है कि जिसका सब कुछ तबाह हो गया।
2020 में कोरोना महामारी में जब इस पीड़िता के पिता की मौत हो गई तो मानो इन मां-बेटी की जिंदगी में अंधेरा ही अंधेरा हो गया। मां के साथ ही बेटी भी खामोश रहने लगी। बेटी की खामोशी को दूर करने की बात कर एक अक्टूबर 2020 को यह दरिंदा इस बेटी को अपने घर ले आया। उस समय ये बेटी 14 साल की थी। पता चला है कि नवम्बर से जनवरी 2021 तक इस दरिंदे से बार-बार इसे अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया। दरअसल जब इसकी पत्नी घर पर नहीं होती थी तो यह इससे दुष्कर्म करता था।
लड़की ने कई बार अपनी मां से घर लौटने की बात की जनवरी 2021 में जब यह बेटी अपनी मां के पास लौट आई तो यह और खामोश हो गई थी। मां और परेशान हो गई कि आख़िरकार इन चार महीने में बेटी के साथ क्या हुआ कि यह तो बिल्कुल ही चुप रहने लगी। बेटी को पैनिक अटैक भी पड़ने लगे। जब इसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तो डॉक्टर भी समझ चुके थे कि लड़की को मानसिक रूप से कोई बड़ी दिक़्क़त है।
दरअसल बार बार रेप करने से यह लड़की प्रेग्नेंट हो गई। जब इस लड़की ने यह बात इस दरिंदे की पत्नी से बताई तो वह इस दरिंदे से भी बड़ी चांडाल निकली। जहां इस महिला को अपने पति को जेल भिजवा कर इस लड़की के साथ खड़ा होना चाहिए था वहीं यह बात किसी को न बताने की बात करते हुए इनसे अपने बेटे से दवा मंगाकर इसका ऑबर्शन ही करा दिया। अस्पताल के डॉक्टरों ने जब इस लड़की की कांउंसलिंग कराई तो तब वह बात पता चली जिससे न केवल डॉक्टर बल्कि काउंसलर और इसकी मां के तले की जमीन खिसक गई। इस लड़की के साथ न केवल बार रेप किया गया था बल्कि इसे प्रग्नेंट भी किया गया था। साथ ही ऑबर्शन भी।
बुराड़ी थाने में पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। आरोपी पति इसके बेरहम पत्नी की गिरफ्तारी कर ली गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने इस अधिकारी को सस्पेंड भी कर दिया है पर ऐसे में प्रश्न उठता है कि समाज में क्या कानून या फिर समाज का कोई डर रह गया है या नहीं ? आखिर समाज को क्या हो गया है। क्यों परिवारों से भी ऐसे लोगों को बचाव किया जाता है। क्यों फूल सी बच्चियों के साथ इतनी दरिंदगी बरती जा रही है ?