Friday, November 22, 2024
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नृपेंद्र मिश्रा ने कहा –  Delhi-NCR की तर्ज पर होगा Ayodhya का विस्तार, बोले- ‘अलग से इस योजना पर काम करे यूपी सरकार’

Delhi News: श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बुधवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाने के बाद इसके आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में ‘एकाएक’ तेजी आएगी और आने वाले समय में दिल्ली एनसीआर  की तर्ज पर अयोध्या तीर्थ स्थल का भी विस्तार करना पड़ सकता है। 

पीएम नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव रह चुके नृपेंद्र मिश्रा (Nripendra Mishra) ने पीटीआई वीडियो को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के पास बिहार और छत्तीसगढ़ से लेकर नेपाल तक के मर्यादा पुरुषोत्तम से जुड़े स्थलों के जीर्णोद्धार की मांग लगातार आ रही है, लेकिन उसने इसे स्थानीय लोगों पर ही छोड़ देने का फैसला किया है। 

स्मार्ट सिटी बनाने की योजना

श्रीराम मंदिर निर्माण समिति (Shri Ram Temple Construction Committee) के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो जाने और ‘रामलला’ के दर्शन के वास्ते इसे आम जन के लिए खोल दिए जाने के बाद अयोध्या की आर्थिक गतिविधियों के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने दावा किया कि इससे निश्चित है कि ‘एकाएक अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों का आर्थिक स्तर ऊंचा उठेगा’. यहां कारोबार बढ़ेगा. लोगों को अनेक अवसर मिलेंगे और इन अवसरों के साथ-साथ आगे निवेश भी बढ़ेगा. 16 होटल बनाने के आवेदन आ चुके हैं। एक स्मार्ट सिटी की योजना भी बनाई जा रही है। 

5 लाख आबादी का बढ़ेगा दबाव

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य मिश्रा ने बताया कि अयोध्या में परिवहन व्यवस्था सुगम बनाने के लिए भी एक मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। एक दिन ऐसा आ सकता है कि जैसे दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है, वैसे ही अयोध्या का विस्तार करना पड़े। इसकी वजह बताते हुए कहा कि वर्तमान अयोध्या ‘इतनी बड़ी जनसंख्या’ की सही ढंग से देखरेख नहीं कर पाएगी। अयोध्या की वर्तमान आबादी करीब सवा तीन लाख है और अनुमान है कि जनवरी से यहां पांच लाख अतिरिक्त जनसंख्या का बोझ पड़ सकता है. यह आबादी एक चुनौती और अवसर दोनो है। 

लोग घर में अलग से बनाएं कुछ कमरे

उन्होंने कहा कि अयोध्या के लोग अन्य लोगों को यहां रहने का अवसर दे सकते हैं।  वह अपने भवन इस प्रकार से निर्मित कर सकते हैं कि उसमें एक-दो अतिरिक्त कमरे हों. ताकि कम बजट पर आने वाले लोग रह सकें। यह सही है कि इस क्षेत्र को बढ़ाना होगा. राज्य सरकार को अयोध्या के आस-पास के जनपदों के कुछ हिस्सों को इसमें नियोजित तरीके से शामिल करने की प्रक्रिया पर ध्यान देना होगा. इसके लिए जरूरी कदम भी उठाने होंगे। इसके अलावा, अयोध्या के आस-पास के जनपदों को अधिसूचित करना तथा अनियोजित निर्माण कार्यों पर रोक भी लगाना होगा। 

राम से जुड़े स्मृतियों को यहां रखा जाएगा सुरक्षित

नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि भगवान राम जहां-जहां गए, उससे जुड़े स्थलों की स्मृतियों को संजोकर रखने का काम न्यास एक संग्रहालय में करेगा. राज्य सरकार के एक संग्रहालय को इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विकसित किया जा रहा है। श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य के दौरान हुए जमीन विवाद को भी उन्होंने खारिज कर दिया और दावा किया कि अब कोई विवाद नहीं है. अयोध्या में नजूल जमीनों के कारण न्यास को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. नजूल भूमि वह भूमि कहलाती है जिसपर किसी का भी मालिकाना अधिकार नहीं होता है। 

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