Friday, November 8, 2024
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Delhi : रोशन आरा क्लब के सील होने से भारतीय क्रिकेट को बड़ी क्षति 

खतरे में 450 लोगों का रोजगार 

लीगल एडवाइजर का दावा, स्टे मिलने के बावजूद की गई कार्रवाई 

कोर्ट का रुख करने की कही बात 

दिल्ली में क्रिकेट का मक्का भी कहते हैं रोशनआरा क्लब को 

सील की गई है BCCI के फाउंडेशन वाली जगह

रोशन आरा क्लब के सील होने के पीछे हाई कोर्ट के आदेश का दिया जा रहा है हवाला 

स्कॉड हैं रोशन आरा क्लब के सभी अधिकारी   

क्रिकेट को पहुंच सकती है बड़ी क्षति 

दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के लिए एक बुरी खबर है। दिल्ली में क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले रोशन आरा क्लब को सील कर दिया गया है। इसके सील करने में हाई कोर्ट के आदेश का हवाला दिया जा रहा है। दरअसल सन 1928 में जहां बीसीसीआई यानी की बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया का फॉर्मेशन हुआ था। उस जगह को डी डी ए ने बैन कर दिया है। हाई कोर्ट के इस आदेश से रोशनआरा क्लब के सभी अधिकारी स्कॉड हैं।

रोशनआरा क्लब को सील करने के पीछे का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि क्लब का लीज रिन्यू नहीं किया गया है। ज्ञात हो कि दिल्ली के रोशन रोड में स्थित इस रोशनआरा क्लब को दिल्ली में क्रिकेट का मक्का भी कहा जाता है। ऐसे में इस क्लब का सील होने क्रिकेट को काफी क्षति पहुंच सकती है। रोशन आरा क्लब के सील होने को वहां के अधिकारियों ने काला दिन करार दिया है। दरअसल इस क्लब के साथ कई सारी यादें जुड़ी हुई है, जिसमें कई सारे डोमेस्टिक मुकाबले खेले गए हैं। वहीं आईपीएल जब बायो-बबल में खेला जा रहा था कोविड के दौरान तब कई सारे इंटरनेशनल खिलाड़ी यहां प्रैक्टिस करने आए हुए थे। यहां कई सारे फस्ट क्लास मुकाबले खेले गए हैं, जो कि यादगार मुकाबलों में से एक हैं।

देखने की बात यह भी है कि दिल्ली क्रिकेट में एक ऐसा दौर था जब एसोसिएशन ने अपनी जीवंत सतह के कारण रोशनआरा में रणजी ट्रॉफी के अपने अवश्य जीतने वाले मुकाबलों की मेजबानी की थी। यहां तक ​​कि व्यवसाय के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को भी यहां संघर्ष करना पड़ा था।

यह सुविधा वर्षों तक पुरानी दुनिया के आकर्षण को बरकरार रखती रही और इसमें टेनिस, स्क्वैश, टेबल टेनिस और तैराकी जैसे कई अन्य खेलों की भी सुविधा थी। 100 साल से भी ज्यादा से चल रहे इस क्लव के सील होने से यहां के अधिकारियों के रोजी-रोटी पर भी फर्क पड़ेगा। यहां पर लगभग 450 लोग काम करते है, जिनका रोजगार ही इसी क्लब के द्वारा चलता था।

 क्लब के लीगल एडवाइजर का कहना है कि उन लोगों ने कानूनी पक्ष रखा था। उन्हें निचली अदालत से स्टे मिला हुआ था, लेकिन अचानक इसको सील कर दिया गया। हमें कोर्ट में अपील करने का भी मौका नहीं दिया गया और अब इसको लेकर कोर्ट का रुख करेंगे।

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