Thursday, November 7, 2024
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Delhi : आईएएस और आईपीएस बनने का सपना पाले युवाओं को खतरे में डाल रहे मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर 

एमसीडी की इंस्टीट्यूट पर कार्रवाई न होने पर हाई कोर्ट बताया था भ्र्ष्टाचार की पराकाष्ठा 

आग की घटना के बाद एमसीडी ने सील किये 30 अवैध कोचिंग सेंटर, 80 को भेजा नोटिस  

बुधवार को मुखर्जी नगर के एक पीजी में लग गई थी आग, झुलस गई थी एक लड़की 

15 जून को भी हुआ था भीषण आग हादसा, कार्रवाई के नाम पर बस खानापूर्ति ही 

बच्चों की जान खतरे में डालकर चल रहे ये इंस्टीट्यूट 

दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

नई दिल्ली।  शिक्षा माफिया की मनमानी और एमसीडी का नकारापन ही है कि बुधवार को मुखर्जी नगर के इंस्टीट्यूट को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट पूरी तरह से सख्त हो गया।दिल्ली हाई ने एमसीडी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि इंस्टीट्यूट के PG में बुधवार को आग लगी, 15 जून को भी मुखर्जी नगर के ही कोचिंग इंस्टीट्यूट में आग लगने की घटना हुई थी। इन इंस्टीट्यूट में लगातार आग लगने की बात सामने आ रही है। इन सबके बावजूद यदि इन अवैध इंस्टीट्यूट, PG एवं लाइब्रेरी को MCD बंद नहीं करा पाई है तो यह भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा ही है।

दरअसल एक एनजीओ ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में मुखर्जी नगर में बिना एनओसी के अवैध रूप से चल रहे कोचिंग सेंटरों और उनके उनमें बच्चों की जिंदगी खतरे में होने की याचिका दायर की थी। हालांकि एमसीडी ने अवैध रूप से चल रहे 30 इंस्टीट्यूट को सील कर दिया है और 80 को नोटिस भेजा है। दरअसल 15 जून की आग लगने की घटना के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने एमसीडी को इन इंस्टीट्यूट पर कार्रवाई करने का आदेश पारित किया था। उधर मामले को गर्म  होते देख एमसीडी ने 30 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया है और 80 को नोटिस भेजा है। मुखर्जी नगर में इतने कोचिंग सेंटर चल रहे हैं कि इस क्षेत्र को आईएएस और आईपीएस बनाने की फैक्ट्री कहा जाने लगा है। 

दरअसल दिल्ली में शिक्षा माफिया सरकारी तंत्र पर इतना हावी हैं कि कुछ भी हो जाये पर इनका कुछ नहीं बिगड़ता है। यही वजह है कि जहां निजी स्कूलों में मनमानी चलती है वहीं मुखर्जी नगर में अवैध रूप से चल रहे कोचिंग सेंटरों में लगातार हादसे होने के बावजूद इन सेंटरों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। 15 जून को एक इंस्टीट्यूट में लगी आग के मामले को दबाने का ही नतीजा रहा कि बुधवार को फिर से एक पीजी में आग लग गई। आग कारणों का पता नहीं चल पा रहा है। दरअसल इन इंस्टीट्यूट की हालत यह है कि जहां दो आदमी नहीं रह सकते वहां पर 10-10 विद्यार्थी रहते हैं। इन शिक्षा माफिया की शासन पर प्रशासन पर इतनी पकड़ है कि 15 जून को भारी हंगामा होने के बावजूद ये बदस्तूर चालू हैं। मतलब दूर दराज से आने वाले विद्यार्थी इन इंस्टीट्यूट में भविष्य संवारने आते हैं और इन इंस्टीट्यूट में उनकी जान खतरे में होती है।  

लोगों का कहना है कि एमसीडी का काम सिर्फ अपनी कमाई एवं रिश्वत बढ़ाने के लिए House Tax वसूली करना ही नहीं बल्कि इन सभी अवैध कार्यों में सील लगाना भी है। आरोप है कि इन इंस्टीट्यूट को MCD बचाती रही है। कहा जा रहा है कि शिक्षा माफिया पोर्टा केबिन एवं अवैध मंजिल बनाकर PG चला रहे हैं। MCD एवं दिल्ली पुलिस को स्थाई लोगों द्वारा शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं होती?

दिल्ली पुलिस से एक RTI के माध्यम से पूछा गया कि मुखर्जी नगर पुलिस थाना अधीन कितने PG, Library है, तो उत्तर मिलता है। दिल्ली पुलिस को कुछ पता नहीं, अगर पता नहीं है तो फिर अब PG कहां से आया!

कैसे हैं ये पीजी ?

जिस मकान के मंजिल पर परिवार के 4 से 6 सदस्य से ज्यादा नहीं रह सकते, उस मंजिल पर आखिर 15 से 20 छात्र/छात्राओं की जिंदगी जोखिम में रखकर व्यवसाय क्यों ? 

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