दिल्ली दर्पण ब्यूरो
नई दिल्ली। सांसदों और विधायकों के सदन में भाषण और वोट देने के लिए रिश्वत लेने के संबंध में छूट देने वाले सात सदस्यीय बेंच पुनर्विचार करेगी। सांसदों और विधायकों के विशेषाधिकार से जुड़े एक अहम सवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 7 जजों की संविधान पीठ को बुधवार (20 सितंबर) को सौंप दिया. कोर्ट यह तय करेगा कि अगर सांसद या विधायक सदन में मतदान के लिए रिश्वत लेते हैं तो क्या तब भी उस पर मुकदमा नहीं चलेगा?
साल 1998 का नरसिम्हा राव फैसला सांसदों को मुकदमे से छूट देता है. इसी फैसले पर दोबारा विचार होगा