नई दिल्ली, 15 जुलाई 2024। दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण को लेकर विवाद बढ़ गया है। केदारनाथ धाम से जुड़े पंडित-पुरोहित इस निर्माण से नाराज हैं। इस बीच उत्तराखंड की धामी सरकार ने बयान जारी किया है कि धाम कहीं नहीं बन सकता है। दिल्ली का मंदिर प्रतीकात्मक है। आइए जानते है दिल्ली का यह केदारनाथ मंदिर विवादों में घिरा हुआ है। आखिर केदारनाथ की तर्ज क्यों बन रहा है मंदिर और पूरा विवाद क्या है?
दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर के तर्ज पर मंदिर बनाने पर विवाद उतना नही था। विवाद तब बढ़ा जब उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसका भूमि पूजन किया। वही इस बीच श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी (दिल्ली) के अध्यक्ष सुरिंदर रौतेला ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बन रहा है, न कि केदारनाथ धाम। ट्रस्ट इसका निर्माण करा रहा है। उत्तराखंड सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ट्रस्ट के अनुरोध पर इस मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। वह हमारे निजी अनुरोध पर दिल्ली आए थे। दिल्ली के ट्रस्ट से भी उत्तराखंड सरकार का कोई सरोकार नहीं है। यह ट्रस्ट सदस्यों के सहयोग से चल रहा है, जिनमें अधिकांश लोग उत्तराखंड के हैं।
लेकिन दिल्ली के बुराड़ी में बाबा केदार का प्रतीकात्मक मंदिर बनाने को लेकर उत्तराखंड में विरोध के सुर तेज हो गए हैं। केदारनाथ धाम से लेकर पूरी केदार घाटी में इसे लेकर नाराजगी व्याप्त है, पुजारियों में भी नाराजगी है। अब दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर पर उत्तराखंड प्रदेश सरकार ने हस्तक्षेप किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने दिल्ली में बन रहे मंदिर विवाद में बोलते हुए स्पष्ट किया है कि दिल्ली में मंदिर बन रहा है धाम नहीं।
दरअसल केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी दिल्ली में केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है। पर इससे केदारनाथ धाम से जुड़े पंडित पुरोहितों और धर्मावलंबियों में गुस्सा है।
दरअसल इन सभी लोगों का कहना है कि केदारनाथ धाम से करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों की आस्था जुडी हुई है। ऐसे में बाबा केदारनाथ का मंदिर कहीं और बनाना यह तीर्थ की मर्यादा के खिलाफ है, साथ ही धामों के प्रति लोगों की आस्था पर प्रहार भी है।
आपको बताते चले कि केदारनाथ मंदिर इंदौर में भी बना है। बदरीनाथ मंदिर मुंबई में है। इसके अलावा वैष्णो देवी, खाटू श्याम, गोल्ज्यू देवता, साई बाबा के मंदिर देश के विभिन्न हिस्सों में बने हैं। दरअसल यह मंदिर धार्मिक भावना के कारण बनाए जाते हैं। दिल्ली में केदारनाथ मंदिर भी इसी भावना से बन रहा है। यह धाम नहीं है। इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। कुछ लोग इसे गलत ढंग से परिभाषित कर राजनीतिक लाभ के लिए विवाद का विषय बना रहे हैं।
विवादों में बुराड़ी का केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड में क्यों हो रहा है मंदिर निर्माण का विरोध?
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